महिलाओं को सशक्त बनाने में सरकार का योगदान
महिलाओं को सशक्त बनाने में सरकार ने विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से कई कदम उठाए हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, उन्हें आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है।क्या है योजनाएं?
मिशन इंद्रधनुषइस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पूर्ण टीकाकरण प्रदान करना है। यह योजना समय पर टीकाकरण सुनिश्चित करके मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें टेटनस, खसरा और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों के खिलाफ टीके शामिल हैं, जो माताओं और बच्चों दोनों के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करते हैं।
यह योजना 11-18 वर्ष लड़कियों के लिए बनाई गई है। इस योजना को आत्म-विकास, जीवन कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ाने पर केंद्रित है। यह युवा लड़कियों को स्वच्छता, प्रजनन स्वास्थ्य और शिक्षा के बारे में ज्ञान देकर उन्हें सशक्त बनाती है, जिससे वे अपने भविष्य के बारे में सोच-समझकर निर्णय ले पाती हैं।
घरेलू हिंसा की पीड़ित महिलाओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस पहल के तहत, निषेध सह संरक्षण अधिकारी प्रभावित महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए मध्यस्थता और सहायता सेवाएँ प्रदान करते हैं। ये सेवाएँ घरेलू हिंसा से बचे लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने और न्याय तक पहुँच में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इस योजना को गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बनाया गया है। इसमें तीन किस्तों में 5,000 रुपये की वित्तीय प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इससे नवजात शिशुओं को उचित पोषण मिलता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना छोटी महिला उद्यमियों को बिना किसी जमानत के ऋण प्रदान करती है, जिससे उन्हें अपना व्यवसाय स्थापित करने और उसका विस्तार करने में मदद मिलती है। बजट 2024-25 में ऋण राशि को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया, जिससे महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों के लिए बेहतर वित्तीय सहायता सुनिश्चित हुई।