पिनराई विजयन के समर्थन से बने महासचिव
बता दें कि प्रकाश करात और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन जैसे प्रभावशाली नेताओं के समर्थन से एमए बेबी को सीपीआईएम का महासचिव बनाया गया है। वहीं एमए बेबी अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले पहले सीपीआई (एम) महासचिव हैं।SFI के रह चुके हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
71 वर्षीय एमए बेबी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से की थी। एमए बेबी एसएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा 32 साल की उम्र में 1986 में एमए बेबी राज्यसभा सांसद बने और 1998 तक उच्च सदन में रहे।2006-2016 तक रहे विधायक
बता दें कि एमए बेबी साल 2006 से 2016 तक दो कार्यकालों के लिए कुंदरा विधानसभा सीट से विधायक रहे। वहीं 2006 से 2011 तक एमए बेबी केरल के शिक्षा मंत्री भी रहे हैं। 2012 से एमए बेबी पार्टी के निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं।नास्तिकता को बढ़ावा देने का भी लगा था आरोप
एमए बेबी का मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल काफी उथल-पुथल वाला रहा है। गौरतलब है कि एमए बेबी पर स्कूली किताबों में नास्तिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगा था। उन्हें विवादास्पद किताबें वापस लेने के लिए मजबूर किया गया। यह भी पढ़ें