चार्जशीट की ऐसे की काट
सिंघवी ने कहा कि दशकों पुरानी एजीएल कंपनी सफल नहीं रही। अलग-अलग समय में कांग्रेस ने इस कंपनी को लोन दिया। कई दशक बाद ये कर्ज करीब 90 करोड़ रुपए हो गया। ऐसे में एजीएल का पुनर्निर्माण कर ऋण मुक्त कंपनी बनाने का निर्णय किया। इसके चलते इस कंपनी के कर्ज को नई कंपनी यंग इंडिया को ट्रांसफर किया गया। यानी जो कर्ज पहले कांग्रेस का था, वो यंग इंडिया का हो गया था। एजीएल व नेशनल हेराल्ड को मजबूत करने के लिए कर्ज मिटाना आवश्यक था, इसलिए कर्ज को हिस्सेदारी में बदला गया। ऐसे में एजीएल के शेयर यंग इंडिया को इश्यू हो गए। इस तरह यंग इंडिया एजीएल की 90-99 फीसदी शेयर होल्डर बन गई। उन्होंने कहा कि यंग इंडिया सेक्शन-8 के तहत बनी ‘नॉट फॉर प्रॉफिट’ चेरिटेबल कंपनी थी।
‘तो फिर कैसी मनीलॉन्ड्रिंग’
सिंघवी ने कहा कि यंग इंडिया से कितना भी लाभ बने, पर सेक्शन-8 के तहत लाभांश नहीं दिया जा सकता, कोई सैलरी नहीं दी जा सकती, और कोई संपत्ति खरीदी-बेची भी नहीं जा सकती। इन संपत्तियों की मालिक अभी एजीएल ही है। सिर्फ एजीएल की शेयर होल्डिंग अब यंग इंडिया की है। वहीं यंग इंडिया में कुछ डायरेक्टर्स है, जिनको कोई डिविडेंड भी नहीं मिलता-तो कौन-सी मनीलॉन्ड्रिंग? उन्होंने कहा, आरोप है कि शेयर होल्डिंग यंग इंडिया को देकर मनीलॉन्ड्रिंग हुई है। वहीं पैसा और एजीएल की संपत्तियों को डायरेक्टर्स और गांधी परिवार ने हड़प लिया है, पर सवाल है कि किस डायरेक्टर ने क्या खरीदा या बेचा। ‘ईडी को बना दिया इलेक्शन डिपार्टमेंट’
सिंघवी ने कहा कि यह केस सुब्रमण्यम स्वामी ने शुरू किया था। स्वामी ने एक तकनीकी प्रक्रिया के आधार पर अपने ही केस को दिल्ली हाईकोर्ट में स्टे करवा दिया। यह केस अभी तक स्टे पर है। सरकार ने इसे हाईजैक कर नया केस शुरू कर दिया, जबकि सरकार को पहले कभी इसमें गड़बड़ी नहीं दिखी। फिर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ की गई। सारे सवालों के जवाब दे दिए गए। उन्होंने कहा कि ईडी के करीब 98 फीसदी केस राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों खासकर विपक्ष के लोगों पर हैं और इसमें सजा की दर सिर्फ 1 फीसदी है। सरकार ने ईडी को अपना ‘इलेक्शन डिपार्टमेंट’ बना रखा है।
कांग्रेस को जमीन और फंड लूटने का हक नहींः रविशंकर प्रसाद
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने जवाबी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को धरना देने का अधिकार है, लेकिन जमीन और फंड लूटने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर शेयर हेराफेरी, भ्रष्टाचार और हजारों करोड़ की संपत्ति हथियाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड 1937 में शुरू किया गया था। इसमें 5000 शेयर होल्डर्स थे। 2008 में नेशनल हेराल्ड का पब्लिकेशन बंद हो गया क्योंकि वह चल नहीं पाया। उसके बाद एक कॉर्पोरेट षड्यंत्र किया गया ताकि पूरी संपत्ति गांधी परिवार के हाथ में आ जाए।
वाड्रा से पूछताछ, आज फिर बुलाया
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति व कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ने बुधवार को दूसरे दिन भी 2008 की हरियाणा की एक लैंड डील से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की और बयान दर्ज किए। ईडी ने वाड्रा को गुरुवार को भी पेश होने के आदेश दिए हैं। वाड्रा ने तंज कसते हुए कहा कि ईडी उन्हें बहुत चाहती है इसीलिए पूछताछ के लिए बार-बार बुलाया जाता है।