अखिलेश सिंह की नाराजगी बनी वजह?
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश सिंह पार्टी से काफी समय से नाराज चल रहे थे। खासकर, बिहार में कन्हैया कुमार को बिना उनकी राय लिए प्रमुखता देने से वह असंतुष्ट थे। कहा जा रहा है कि कन्हैया कुमार के महागठबंधन में अचानक सक्रिय होने से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं में असहमति थी। अखिलेश सिंह की नाराजगी इस हद तक थी कि 12 मार्च को प्रस्तावित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की समीक्षा बैठक को भी रद्द करना पड़ा था। अब आखिरकार कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें हटाने का फैसला ले लिया।
दलित समुदाय से आते हैं राजेश कुमार
नए प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार बिहार की राजनीति में एक मजबूत दलित नेता के रूप में जाने जाते हैं। कांग्रेस के इस फैसले को दलित वोट बैंक को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। बिहार में दलित मतदाता काफी प्रभावशाली हैं और कांग्रेस इस तबके को अपने पक्ष में करना चाहती है। नए प्रभारी ने शुरू की सक्रियता
बिहार कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी अब कृष्णा अल्लावरु को सौंपी गई है। उन्होंने कार्यभार संभालते ही प्रदेश संगठन को सक्रिय करने की कवायद शुरू कर दी है। अब देखना होगा कि राजेश कुमार की अध्यक्षता में कांग्रेस बिहार में अपनी स्थिति मजबूत कर पाती है या नहीं।