मंदिर में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट
शिकायत में कहा गया है कि राजीव चंद्रशेखर ने मंदिर परिसर के नादपंथल और दीपस्तंभम के सामने वीडियो फिल्माया और उसे सोशल मीडिया पर साझा किया, जबकि मंदिर प्रशासन और केरल हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन हिस्सों में आमजन को वीडियो बनाने की अनुमति नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया था कि केवल शादियों और कुछ विशेष धार्मिक आयोजनों के समय ही वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति दी जा सकती है।हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
राजीव चंद्रशेखर का यह कृत्य नियमों के साथ-साथ उच्च न्यायालय के आदेशों का भी उल्लंघन माना जा रहा है। यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गर्मा गया है, जहां विपक्षी दल इसे धार्मिक परंपराओं और नियमों का अनादर बता रहे हैं। केरल कांग्रेस नेताओं ने इसे द्वैध आचरण करार देते हुए बीजेपी के ‘सांस्कृतिक मूल्यों के सम्मान’ के दावे पर सवाल खड़े किए हैं।Terror Attack: पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला, कई लोग घायल, सेना ने संभाला मोर्चा
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि मंदिर प्रशासन और राज्य पुलिस इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करते हैं। वहीं, बीजेपी की ओर से अब तक इस मसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह मुद्दा केरल की राजनीति में नया मोड़ ले सकता है।