सीएम स्टालिन ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
बुधवार यानि 5 मार्च को तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने परिसीमन को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सीएम ने कहा कि संसद में सीट की संख्या बढ़ाई जाती है तो 1971 की जनगणना को इसका आधार बनाया जाना चाहिए।परिसीमन को लेकर दक्षिण भारत के राज्य चिंतित
दरअसल, परिसीमन को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित है वह दक्षिण भारत के राज्य के है। उनको चिंता है कि उनकी सीटें उत्तर भारत के मुकाबले कम अनुपात में बढ़ेंगी। हालांकि पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दक्षिण भारत के राज्यों को विश्वास दिलाया कि नए परिसीमन में उनकी एक भी सीट कम नहीं होगी।परिसीमन क्यों जरूरी?
परिसीमन एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसे हर जनगणना के बाद संसद में सीटों की संख्या और निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं को नवीनतम जनसंख्या डेटा के आधार पर किया जा सके। इसके पीछे का मकसद सिर्फ यह है कि एक संसदीय सीट में लोगों की संख्या समान हो। संसदीय सीटों का जनगणना के आधार पर तीन बार परिसीमन हुआ है। यह 1951, 1961 और 1971 में हुआ। ।दक्षिण भारत के राज्य क्यों चिंतित?
साउथ के राज्यों को लगता है कि नये जनसंख्या डेटा के आधार पर परिसीमन से संसद के अंदर उनका प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा और इस तरह उनकी राजनीतिक ताकत भी कम हो जाएगी। सितंबर 2023 में महिला आरक्षण विधेयक पर संसद में बहस के दौरान डीएमके नेता कनिमोझी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का एक बयान पढ़ा था. इसमें कहा था कि यदि परिसीमन जनसंख्या जनगणना पर आधारित होने जा रहा है, तो यह दक्षिण भारतीय राज्यों के प्रतिनिधित्व को वंचित और कम कर देगा।क्या कहता है डेटा?
देश में अभी तक जितनी बार भी परिसमीन हुआ है, उसमें सीट और आबादी का अनुपात लगभग न्यायपूर्ण ही रहा। 1961 में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य को 85 सीटें दी गई है। 1961 में यूपी में प्रति लोकसभा सीट पर आबादी का अनुपात करीब सवा आठ लाख था। वहीं बिहार में 53 सीटें थी और प्रति लोकसभा सीट पर आबादी का अनुपात साढ़े छह लाख से ज्यादा था। इसके अलावा तमिलनाडु में 39 सीटें थी और प्रति लोकसभा सीट पर आबादी का अनुपात 8 लाख 63 हजार था।राज्य | 1961 आबादी | 1961 सीटें | आबादी/ सीट अनुपात | 1971 आबादी | 1971 सीटें | आबादी/सीट अनुपात |
उत्तर प्रदेश | 7, 01,43, 635 | 85 | 8,25,219 | 8,38,48, 797 | 85 | 9,86,456 |
बिहार | 3,48,40, 968 | 53 | 6,57,377 | 4,21,26,236 | 54 | 7,80,115 |
राजस्थान | 2,01,55,602 | 23 | 8,76,331 | 2,57,65,806 | 25 | 10,30,632 |
तमिलनाडु | 3, 36,86,953 | 39 | 8,63,768 | 4,11,99,168 | 39 | 10,56,389 |
केरल | 1,69,03,715 | 19 | 8,89,669 | 2,13,47,375 | 20 | 10,67,369 |
देश | 43,92,34,771 | 520 | 8,44,682 | 54,81,59,652 | 542 | 10,11,365 |
पिछले पांच चुनावों में टॉप-2 पार्टियों का प्रदर्शन
राज्य | 2004 | 2009 | 2014 | 2019 | 2024 |
यूपी (85) | SP- 36 BSP- 19 | SP-23 INC-26 | BJP-76 SP-5 | BJP-67 SP-10 | BJP-38 SP-37 |
बिहार (53) | RJD-24 JDU-7 | JDU-20 BJP-20 | BJP-32 LJP-6 | BJP- 28 JDU- 16 | BJP-20 JDU-12 |
राजस्थान (25) | BJP-21 INC-4 | INC-20 BJP-4 | BJP-25 | BJP-24 RLP-1 | BJP-14 INC-8 |
केरल (20) | CPM-12 CPI-3 | INC-13 CPM-4 | INC-8 CPM-5 | INC-15 IUML-2 | INC-16 IUML-2 |
तमिलनाडु (39) | DMK-16 INC-10 | DMK-18 ADK- 9 | ADK-37 BJP-1 | DMK-24 INC-8 | DMK-22 INC-9 |
2025 की संभावित आबादी पर परिसीमन कितना न्यायसंगत
राज्य | वर्तमान सीट | संभावित आबादी 2025 | पुराने अनुपात पर | 15 लाख के अनुपात पर | 20 लाख के अनुपात पर |
यूपी | 85 | 25,23,42,000 | 250 | 168 | 126 |
बिहार | 54 | 17,08,90,000 | 169 | 114 | 85 |
राजस्थान | 25 | 8,27,70,000 | 82 | 55 | 41 |
तमिलनाडु | 39 | 7,73,17,000 | 76 | 52 | 39 |
केरला | 20 | 3,60,63,000 | 36 | 24 | 18 |
भारत | 543 | 141,33,24,000 | 1397 | 942 | 707 |