नीतीश की बिसात पर नया विस्तार
बिहार में अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन, बिहार कई माह से चुनावी मोड में ही है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा, नीतीश कुमार के साथ होकर भी नीतीश कुमार को पार करने की राह पर है। भाजपा की ओर से मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं की सूची देखें तो साफ होगा कि पार्टी उसी फार्मूले पर आगे बढ़ रही है, जिस फार्मूले पर चलकर करीब दो दशक पहले नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद की बिछाई बिसात पर ‘ढाई चाल’ चलकर उन्हें ही मात दे दी थी। नीतीश कुमार दो दशक पहले गैर-यादव पिछड़ों और गैर-पासवान दलितों को साधने के लिए अति पिछड़ा और महा दलित का कांसेप्ट लेकर आए थे। इस फार्मूले ने लालू प्रसाद के अपराजेय माने जाने वाले समीकरण को दरका दिया था।यह दिख रहा भाजपा का फार्मूला
भाजपा ने भी गैर-यादव पिछड़ों और दलितों के साथ सवर्णों को साधने का फार्मूला तैयार किया है। गैर-यादव और गैर-मुस्लिम आबादी पर भाजपा की उम्मीदें टिकी हैं। उसी दिशा में मंत्रिमंडल के विस्तार को भी देखा जा रहा है।वोट बैंक में सेंध लगाने की जुगत में भाजपा
मंत्रिमंडल विस्तार से भाजपा को कितना फायदा होगा यह तो वक्त बताएगा, पर अनुमान लगाया जा रहा है कि नीतीश यदि साथ बने रहे और भाजपा गैर-यादव, गैर-मुस्लिम समूह को अपने पक्ष में लाने के लिए निरंतर प्रयासरत रही तो आने वाले समय में नीतीश कुमार का एक बड़ा वोट बैंक, जो अभी सीटवार भाजपा से सीधे नहीं जुड़ पाता था, वह जुड़ सकता है। यह पहली बार हुआ है, जब भाजपा नीतीश कुमार के साथ रहते हुए नीतीश कुमार से ज्यादा ताकतवर स्थिति में है।‘विस्तार का मकसद विकास को गति देना’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विकास को गति देने के लिए 7 विधायकों को मंत्री बनाया है।-सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री, बिहार