scriptअसदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक को बताया आर्टिकल 14, 25, 26 और 29 का उल्लंघन | Asaduddin Owaisi called the Waqf Amendment Bill a violation of Articles 14, 25, 26 and 29 | Patrika News
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असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक को बताया आर्टिकल 14, 25, 26 और 29 का उल्लंघन

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बढ़ते विवाद के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर भ्रामक प्रचार करने का आरोप भी लगाया।

भारतApr 01, 2025 / 03:45 pm

Anish Shekhar

Asaduddin Owaisi

Asaduddin Owaisi

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2025 की कड़ी आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। ओवैसी ने इस विधेयक को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26 और 29 का “गंभीर उल्लंघन” बताया और इसे “वक्फ बर्बाद बिल” की संज्ञा दी। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर हमला है, बल्कि संविधान की मूल भावना के खिलाफ भी है। ओवैसी ने एनडीए के सहयोगी दलों—नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और जयंत चौधरी—से भी सवाल किया कि वे इस विधेयक का समर्थन क्यों कर रहे हैं और पांच साल बाद जनता को क्या जवाब देंगे।

ओवैसी का बयान: “यह वक्फ बिल नहीं, वक्फ बर्बाद बिल है”

पत्रकारों से बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा, “यह विधेयक असंवैधानिक है। यह अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता), अनुच्छेद 26 (धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन का अधिकार) और अनुच्छेद 29 (सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार) का गंभीर उल्लंघन है। यह वक्फ बिल नहीं, बल्कि वक्फ बर्बाद बिल है। अगर चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जयंत चौधरी इसकी तारीफ कर रहे हैं, तो वे अपने राजनीतिक हितों के लिए ऐसा कर रहे हैं। वे इसका समर्थन कर रहे हैं, लेकिन पांच साल बाद जनता को क्या जवाब देंगे? अगर हिंदू एंडोमेंट बोर्ड में कोई गैर-हिंदू सदस्य नहीं बन सकता, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम को क्यों शामिल किया जा रहा है?” ओवैसी ने इस विधेयक को अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश करार दिया।

सरकार का जवाब: “वक्फ कानून पहले से मौजूद, भ्रामक प्रचार गलत”

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बढ़ते विवाद के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाया। रिजिजू ने कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि यह वक्फ संशोधन विधेयक असंवैधानिक है। वक्फ कानून स्वतंत्रता से पहले से मौजूद है। ये सभी प्रावधान पहले से लागू हैं। अगर वक्फ अधिनियम स्वतंत्रता से पहले से अस्तित्व में है, तो यह अवैध कैसे हो सकता है? कुछ लोग यह कहकर मासूम मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं कि सरकार उनकी संपत्ति और अधिकार छीनने जा रही है। इस तरह का झूठा प्रचार हमारे समाज और राष्ट्र के लिए बहुत हानिकारक है।” रिजिजू ने यह भी कहा कि विधेयक की आलोचना करना सभी का अधिकार है, लेकिन यह आलोचना ठोस आधार पर होनी चाहिए।
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विपक्ष का विरोध: “संविधान पर सीधा हमला”

वक्फ संशोधन विधेयक का कई विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस सांसद और पार्टी के महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने इसे “संविधान पर सीधा हमला” करार दिया। रमेश ने कहा, “वक्फ (संशोधन) विधेयक संविधान और इसकी मूल भावना के खिलाफ है। इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में जबरदस्ती पारित कराया गया है। अगर इसे लागू किया गया, तो हम इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेंगे।” रमेश ने यह भी दावा किया कि JPC में विधेयक के प्रत्येक खंड पर विस्तृत चर्चा नहीं हुई और इसे जल्दबाजी में पारित कर दिया गया। उन्होंने एनडीए के सहयोगी दलों तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल (यूनाइटेड) से इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

वक्फ संशोधन विधेयक: क्या है इसमें?

वक्फ (संशोधन) विधेयक, जिसे ‘यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी, और डेवलपमेंट (UMEED) बिल’ भी कहा जा रहा है, का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना है। इस विधेयक में डिजिटाइजेशन, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता बढ़ाने और अवैध कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों का प्रस्ताव है। 1995 के वक्फ अधिनियम को लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसी समस्याओं के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। सरकार का दावा है कि यह संशोधन इन समस्याओं को दूर करने और वक्फ बोर्ड को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लाया गया है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खत्म करता है और गैर-मुस्लिमों को बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक अधिकारों का हनन करता है।

संसद में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर मंगलवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ, जिसके चलते सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सरकार इस सप्ताह संसद में संशोधित वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने की तैयारी में है। इस विधेयक को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस की उम्मीद है।

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