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कचरे का होगा बेहतर इस्तेमाल CSE रिपोर्ट में बताया भारत में उद्योगों से निकलने वाले कचरे को कैसे किया जाएगा यूज

Industrial Waste: भारत में उद्योगों से निकलने वाले कचरे को लेकर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की रिपोर्ट में तेजी से बढ़ते उत्सर्जन पर कंट्रोल का बताया तरीका।

भारतMar 06, 2025 / 08:54 am

Devika Chatraj

भारत में उद्योगों से निकलने वाले करीब 75 करोड़ टन कचरे का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें स्टील स्लैग, कचरे से पैदा ईंधन (RDF), फ्लाई ऐश, रेड मड, बायोमास आदि शामिल हैं। इससे प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। तेजी से बढ़ते उत्सर्जन पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की रिपोर्ट में यह बात कही गई।

बचेगा प्राकृतिक संसाधन

‘गुड प्रैक्टिस इन इंडस्ट्रियल वेस्ट सर्कुलेरिटी’ नाम की रिपोर्ट के मुताबिक औद्योगिक कचरे के दोबारा इस्तेमाल से कोयला, जिप्सम जैसे 45 करोड़ टन प्राकृतिक संसाधनों को बचाया जा सकेगा और पांच से नौ करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन रोका जा सकेगा। सीएसई के औद्योगिक प्रदूषण कार्यक्रम के प्रबंधक शोभित श्रीवास्तव ने कहा, कई भारतीय उद्योगों ने इस दिशा में बेहतर काम किए हैं। इन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है।

स्टील स्लैग से सीमेंट

रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भारत में करीब 5.25 करोड़ टन स्टील स्लैग पैदा हो सकता है। इसमें से 3.53 से 4.1 करोड़ टन का इस्तेमाल सीमेंट बनाने में किया जा सकता है। इसी तरह 43.7 करोड़ टन फ्लाई ऐश में से 20.8 से 23.1 करोड़ टन का इस्तेमाल सीमेंट उद्योग में किया जा सकता है।

मूल्यवान संसाधन

सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण का कहना है कि उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 30 फीसदी से ज्यादा का योगदान देते हैं। ये बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कचरे के साथ बड़ी मात्रा में उत्सर्जन भी कर रहे हैं। अपशिष्ट मूल्यवान संसाधन हो सकता है।

सर्कुलरिटी से कार्बन उत्सर्जन कम

सीएसई में औद्योगिक प्रदूषण कार्यक्रम के निदेशक निवित यादव ने बताया कि “इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे सर्कुलरिटी अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार ला सकती है, साथ ही कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकती है। यह संसाधनों की बचत के साथ-साथ लागत में भी कटौती कर सकती है।“

सरकारी नीतियों की जरुरत

सीएसई रिपोर्ट में भारत में औद्योगिक कचरे को ट्रैक और रिकॉर्ड करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। सर्कुलरिटी को बढ़ावा देने के लिए, उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। साथ ही सरकार को विभिन्न क्षेत्रों के लिए कचरे के पुनर्चक्रण से जुड़ी नीतियां बनानी चाहिए।

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