नागदा. कथा विदुषी व मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने विवाह को अहम संस्कार बताते हुए इसका महत्व भी बताया। श्री हिंदू सनातनी जागृति मंच के तत्वावधान में आयोजित भागवत कथा के छठे दिन उन्होेंने साफ शब्दों में कहा- जब तक बेटा-बेटी समझदार नहीं हों, उन्हें परस्पर विवाह बंधन में नहीं बांधना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों को चेताया कि ऐसा करके आप अपनी बेटी का जीवन खराब कर देंगे। जया किशोरी ने जीवनसाथी की समझदारी पर भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्हें सुनने के लिए कथास्थल पर बड़ा जनसमुदाय उपस्थित था. कथा में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह के अवसर पर पांडाल में भी खुशियां मनाई गईं. महिलाओं ने खूब डांस किया.
जब तक युवक-युवती समझदार नहीं हो तब तक उन्हें परस्पर विवाह नहीं करना चाहिए- जया किशोरी ने विवाह का महत्व बताते हुए कहा कि जब तक युवक-युवती समझदार नहीं हो तब तक उन्हें परस्पर विवाह नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि विवाह एक दिन का नहीं, बल्कि जीवनभर का साथ है। यदि आपका जीवनसाथी समझदार होगा तो आप कभी अकेला महसूस नहीं करोगे, हर परिस्थिति में विजय प्राप्त करोगे।
कथा में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह के अवसर पर पांडाल में भी खुशियां मनाई गईं- भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया। कथा में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह के अवसर पर पांडाल में भी खुशियां मनाई गईं। श्रद्धालु उनके भजनों पर थिरकते नजर आए। खासतौर पर महिलाओं ने खूब डांस किया. यहां कंस वध, रासलीला, गोपी उद्धव संवाद प्रसंग भी हुआ। मंगलवार को सातवें दिन की कथा में श्रीकृष्ण अन्नय विवाह, सुदामा चरित्र, महाभारत कथा, राजा परीक्षित के मोक्ष प्रसंग के साथ कथा का विराम भी होगा।
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