वारको सिटी में तीसरे दिन की भागवत कथा में जड़ भरत की कथा, अजामिल की कथा, प्रहलाद चरित्र का प्रसंग हुआ। कथा के बीच कथा विदुषी व मोटिवेशनल स्पीकर जयाकिशोरी ने अभिभावकों को संदेश दिया। वे बोली- हर माता-पिता अपने बेटे-बेटी की शादी करने के बाद कहते हैं- हम गंगा नहा लिए। ऐसा नहीं हैं। अपने बच्चों को हर क्षेत्र में इतना काबिल बनाओ कि आपके जाने के बाद वे अपनी जिंदगी अच्छे से जी सकें। क्याेंकि तब वे किसी के भरोसे नहीं रहेंगे, सेल्फ डिपेंट (आत्मनिर्भर) रहेंगे। दूसरी अहम बात- कुछ भी बोलने से पहले सोचों। आप जैसा बोलोगे, जैसा आचरण रखोगे। आपके बच्चे वैसा ग्रहण करेंगे। ये बात इसलिए क्याेंकि आप सिर्फ अपने बच्चों की परवरिश नहीं कर रहें, आने वाली पीढ़ी को तैयार कर रहेें हों। कथा में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत भी पहुंचे। उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला, पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत, जितेंद्र गेहलोत, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि ओपी गेहलोत आदि थे। सभी ने कथा व्यास जयाकिशोरी का स्वागत किया।
सफल जीवन की ये 3 बातें
1. अपने अंदर के बच्चे को जिंदा रखों। फायदे में रहोगे।
2. दान में धन नहीं, मन मायने रखता है।
3. जैसा कपड़ा वैसी सफाई, वैसे ही- जैसे पाप, वैसा दंड।
जड़ भरत की कथा के माध्यम से जयाकिशोरी ने बताया कि भरतजी ने इतने सीधे थे कि उनका नाम जड़ भरत रख दिया गया था। उन्हें यह तक नहीं पता था कि उनकी बलि चढ़ने वाली है। संसार में भी ऐसे कई लोग है जो बेहद सीधे हैं और खुद की चिंता नहीं करतें। ऐसे लोगाें की चिंता भगवान करते हैं। कभी ये भी सोचें कि जो आपके पास है वो उन्हीं की बदौलत हैं। इसके लिए भगवान को धन्यवाद दों। पिक्चरों में भी भगवान से शिकायत करना सीखाया, धन्यवाद करना नहीं। इसलिए आज इस कथा के माध्यम से संकल्प लों कि रोज एक धन्यवाद प्रभु से करोगे। क्याेंकि…करते वों हैं और नाम आपका हो रहा हैं।
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जनमानस को धर्म की राह बताने वाली जयाकिशोरी की कथा श्री हिंदू सनातन जागृति मंच के तत्वावधान में वारको सिटी में 7 फरवरी तक चलेगी।