गौरतलब है कि 18 जनवरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संरक्षक मंत्रियों की सूची जारी की थी। जिसमें नाशिक की जिम्मेदारी बीजेपी नेता गिरीश महाजन और रायगढ़ की जिम्मेदारी एनसीपी (अजित पवार) नेता अदिती तटकरे को सौंपी गई थी। लेकिन जैसे ही इन नामों की घोषणा हुई, शिवसेना (शिंदे गुट) के उन जिलों के मंत्रियों के समर्थकों में नाराजगी फैल गई।
शिवसेना शिंदे गुट के मंत्री भरत गोगावले के समर्थकों ने मुंबई-गोवा महामार्ग पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया, वहीं नाशिक में मंत्री दादा भुसे के समर्थकों ने विरोध जताया। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री को अगले ही दिन दोनों जिलों के पालकमंत्री पदों पर लिया गया निर्णय स्थगित करना पड़ा।
अजित पवार का बड़ा बयान
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, “चिंता न करें, भले ही नासिक और रायगढ़ के पालकमंत्री का चयन रुका हो, लेकिन वहां काम जारी है। मुख्यमंत्री फडणवीस खुद वहां का ध्यान रख रहें है और उन्होंने जिले के विकासकार्यों के लिए फंड दिया है। दोनों जगह का फंड बढ़ाया गया है। थोड़ा धैर्य रखें, धीरे-धीरे पालकमंत्री पद का भी समाधान हो जाएगा।”
अमित शाह का दौरा
इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 12 अप्रैल को रायगढ़ दौरे पर आ रहे हैं, और वे एनसीपी अजित पवार गुट के सांसद सुनील तटकरे के घर भोजन पर जाएंगे। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अमित शाह के दौरे के दौरान संरक्षक मंत्री के पद को लेकर महायुति में विवाद सुलझ सकता है। अजित पवार ने इस पर कहा, “हमने अमित शाह जी से अनुरोध किया था कि अगर आप मुंबई में हों तो मेरे घर आएं, और रायगढ़ में हों तो सुनील तटकरे के घर पधारें। चूंकि वे रायगढ़ में जाएंगे, इसलिए वहीं भोजन का आयोजन किया गया है। तटकरे ने मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, उस जिले से मंत्री गोगावले, उदय सामंत को न्योता दिया है।”