महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री पवार ने ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना’ के तहत 21 से 65 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये देने की घोषणा की थी। यह योजना राज्य में बेहद लोकप्रिय हुई और महायुति सरकार को इसका राजनीतिक लाभ भी खूब मिला। हालांकि, चुनाव से पहले घोषित विभिन्न योजनाओं और बड़े पैमाने पर विकास कार्यों के लिए दिए गए भारी-भरकम फंड के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति पर दबाव बढ़ा है।
विपक्ष सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठा रहा है और दावा कर रहा है कि राज्य की वित्तीय स्थिति बिगड़ चुकी है। ऐसे में ‘लाडकी बहिन योजना’ और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए अजित दादा कितना फंड आवंटित करते हैं और राज्य की आर्थिक स्थिति को संतुलित करने के लिए क्या कदम उठाते है, इस पर हर किसी का ध्यान है।
हाल ही में अजित पवार ने भी राज्य बजट में कुछ कठोर आर्थिक निर्णय लेने के संकेत दिए थे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बजट में किन क्षेत्रों में खर्च में कटौती होती है और महिलाओं तथा किसानों को कितनी राहत दी जाती है।
अजित दादा का 11वां बजट
महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड शेषराव वानखेडे के नाम है, जिन्होंने 13 बार राज्य का बजट पेश किया था। वहीँ, अजित पवार आज 11वीं बार बजट पेश करेंगे और इसके साथ ही वह राज्य के दूसरे सबसे अनुभवी वित्तमंत्री बन जाएंगे। उनके बाद जयंत पाटिल ने 10 बार और सुशील कुमार शिंदे ने 9 बार बजट पेश किया हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र 3 मार्च से शुरू हुआ और 26 मार्च को तक चलेगा।