फडणवीस ने मराठा समाज को दिया आरक्षण
चंद्रकांत पाटील ने कहा, “जब मुख्यमंत्री मराठा थे तो मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिला, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण को मंजूरी दी। ऐसे में उन्हें ब्राह्मण कहकर निशाना बनाना पूरी तरह गलत है।” उन्होंने संजय राउत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो जानबूझकर बहुजन समाज के बीच जातीय वैमनस्य फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके मंसूबे सफल नहीं होंगे। पाटील ने आगे कहा कि फडणवीस ने 2014 से 2019 के बीच आरक्षण से जुड़े कई अटके मुद्दे सुलझाए। ओबीसी समाज के लिए उन्होंने अलग मंत्रालय की शुरुआत की। उनके खिलाफ ओबीसी, दलित और मराठा समाज खड़ा नहीं हो सकता।
बीजेपी नेता ने संजय राउत पर तंज कसते हुए कहा, “आप सत्ता से बाहर हैं, इसलिए इतना द्वेष? आपके अपने लोग हर दिन आपसे दूर जा रहे हैं। नगर निगम चुनावों के लिए आपको घर-घर जाकर उम्मीदवार ढूंढ़ने पड़ रहे हैं। पुणे में आपके पास क्या बचा है? पुणे में आपके 5 नगरसेवक बीजेपी में आ चुके हैं, मुंबई में 57 नगरसेवक एकनाथ शिंदे की शिवसेना में चले गए हैं। फिर भी आपका पूरा ध्यान सिर्फ बीजेपी नेता के बयानों पर है।”
संजय राउत ने क्या कहा था?
इससे पहले संजय राउत ने कहा था कि महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित ‘फुले’ फिल्म को लेकर महाराष्ट्र में बिना वजह विवाद खड़ा किया गया है। ब्राह्मण संगठनों के कुछ लोग फिल्म में दिखाई गई कई घटनाओं और दृश्यों को हटाने की मांग कर रहे हैं और धमकी दे रहे हैं कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिल्म को रिलीज़ नहीं होने दिया जाएगा। राज्यसभा सांसद ने कहा, फडणवीस इन ब्राह्मण संगठनों को आसानी से शांत कर सकते हैं। वे राज्य के मुख्यमंत्री हैं, खुद ब्राह्मण हैं और महाराष्ट्र का ब्राह्मण समाज उनकी बात को नकार नहीं सकता है। इसलिए ‘फुले’ फिल्म को लेकर जो अवरोध उत्पन्न किए जा रहे हैं, उन्हें रोकना फडणवीस की जिम्मेदारी है। लेकिन वह चुप बैठे है।