दो दिन पहले जयंत पाटील ने आधी रात को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात की, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि क्या जयंत पाटील भी बीजेपी का दामन थामने की तैयारी में हैं? हालांकि, पाटील ने इन अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि इस मुलाकात का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। पाटिल ने कहा कि उन्होंने सांगली जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मुद्दों के लिए सोमवार को मंत्री बावनकुले से मुलाकात की। पाटिल ने हाल में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी के साथ मंच साझा किया था।
सूत्रों के मुताबिक फडणवीस सरकार ने जयंत पाटील और उत्तम जानकर को निजी सहायक (पीए) मुहैया कराए हैं, जिनका वेतन सरकारी खजाने से दिया जाएगा। इस फैसले ने एक बार फिर इन अटकलों को हवा दे दी है कि क्या जयंत पाटील की बीजेपी से करीबी बढ़ रही हैं।
खबर हैं कि शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कई नेता अजित पवार के संपर्क में हैं और उनके खेमे में जाने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें धाराशिव जिले के भूम परंडा से प्रत्याशी राहुल मोटे, अहिल्यानगर जिले के श्रीगोंदा से चुनाव लड़ने वाले राहुल जगताप और परभणी के सेलू जिंतूर से उम्मीदवार विजय भांबले जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अगर ये सभी नेता अजित पवार खेमे में शामिल होते हैं, तो यह शरद पवार के लिए एक और बड़ा झटका साबित हो सकता है।
हालांकि अजित पवार अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए शरद पवार गुट के कई नेताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, इससे महायुति के भीतर भी असंतोष बढ़ सकता है। कई बीजेपी और शिवसेना नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है कि उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अब गठबंधन में शामिल किया जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच अजित पवार गुट के विधायक अमोल मिटकरी ने बड़ा दावा किया है। मिटकरी ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि जल्द ही बड़े नेता अजित दादा की पार्टी में शामिल होंगे। विपक्षी आघाडी के कई विधायक और सांसद अजित पवार के संपर्क में हैं।