scriptसरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस चालक ले गया प्रसूता को निजी अस्पताल, इलाज के दौरान मौत, किया चक्काजाम | Ambulance driver took pregnant woman from government hospital to private hospital, she died during treatment, road blockade was done | Patrika News
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सरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस चालक ले गया प्रसूता को निजी अस्पताल, इलाज के दौरान मौत, किया चक्काजाम

– पति बोला: मृत होने के बाद कंबल में लपेट कर एम्बुलेंस में रख दिया और कहा ले जाओ ग्वालियर

मोरेनाFeb 22, 2025 / 09:54 pm

Ashok Sharma

मुरैना. शासकीय जिला अस्पताल से प्रसूता को एंबुलेंस संचालक फाटक बाहर सुभाष नगर के एक निजी अस्पताल में यह कहकर ले गया कि वहां नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। लेकिन निजी अस्पताल संचालक ने 30 हजार रुपए लेकर प्रसूता का ऑपरेशन कर दिया और बाद में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत हो गई। परिजन ने हंगामा और चक्काजाम भी कर दिया।
जानकारी के अनुसार जयराम पुरा कैलारस निवासी पंकज प्रजापति अपनी पत्नी जमुना प्रजापति (20) को प्रसव के लिए 19 फरवरी की रात दो बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। 20 फरवरी की सुबह छह बजे तक सरकारी अस्पताल में ही रहे। तभी वहां पर एंबुलेंस चालक छोटू पहुंचा और बोला कि यहां नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो पाएगी, प्राइवेट में ले चलो, वहां सब ठीक हो जाएगी। एंबुलेंस चालक गुमराह करके 20 फरवरी की सुबह सुभाष नगर स्थित श्री हरी स्पेशिलिटी हॉस्पीटल ले गया। जहां नॉर्मल डिलीवरी के बताकर ऑपरेशन क ेनाम पर 30 हजार रुपए ले लिए और ऑपरेशन के दौरान बच्ची हुई। लगभग 36 घंटे तक जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ थे 21 फरवरी की रात 9:45 बजे करीब स्टॉफ ने एक इंजेक्शन लगाया था उसके बाद प्रसूता के मुंह से छाग निकले और उसकी मौत हो गई। जब हंगामा होने लगा तो अस्पताल स्टॉफ ने प्रसूता को कंबल में लपेटकर एम्बुलेंस में रखकर ग्वालियर ले जाने की कहा। जब अस्पताल पर हंगामा हुआ तो स्टाफ डेडबॉडी को जमीन पर डालकर छोड़ गया और राजीनामा के लिए 40 हजार रुपए देने की बात कही गई। रात को पुलिस पहुंच गई तो शव को पीएम हाउस में रखवा दिया। शनिवार की सुबह मृत महिला के परिजन व समाज के लोग एकत्रित होकर साढ़े दस बजे श्री हरी अस्पताल पर पहुंचे और फिर से हंगामा करते हुए अस्पताल गेट के सामने सडक़ पर धरने पर बैठ गए और सडक़ जाम कर दी। सीएसपी दीपाली चंदोरिया व टी आई अमर सिंह सिकरवार ने समझाया और कार्रवाई का आश्वासन तो करीब 15 मिनट बाद जाम खोल दिया लेकिन हंगामा चलता रहा। खास बात यह है कि शहर में कोई भी व्यक्ति सीएमएचओ कार्यालय से अनुमति लेकर अस्पताल खोलकर मल्टी स्पेशलिटी के बोर्ड लगाकर इलाज शुरू कर देते हैं लेकिन सीएमएचओ व उनके अधीनस्थों द्वारा अनदेखी की जा रही है।
  • ये कमियां भी दिखी अस्पताल में
    प्राइवेट अस्पताल वेसमेंट में संचालित है। उसमें अनट्रेंड नर्सिंग स्टाफ काम कर रहा है। हॉस्पीटल का संचालक भी योग्य नहीं हैं। साथ ही ओटी का संचालन नियम विरुद्ध हो रहा है। उसमें जो नॉम्र्स होना चाहिए, उनका पालन नहीं हो रहा है। अस्पताल में चिकित्सकों की लंबी सूची लगी हुई है लेकिन उनमें से अधिकांश चिकित्सक अपना अलग से नर्सिंग होम या क्लिनिक चला रहे हैं।
  • डिलीवरी के लिए बुलाया था सरकारी अस्पताल की महिला चिकित्सक को
    प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल की महिला चिकित्सक को बुलवाया गया था। क्योंकि जिस महिला की डिलीवरी के दौरान मौत हुई है, उसके इलाज की फाइल पर महिला डॉक्टर की कोई नोट नहीं हैं और न ही उसके हस्ताक्षर थे। परिजन का आरोप है कि अस्पताल में कोई ट्रेंड स्टाफ भी नहीं हैं।
  • दस दिन पूर्व भी हो चुकी है एक और प्रसूता की मौत
    सुभाष नगर में स्थित इसी प्राइवेट अस्पताल में 12 फरवरी को भी कृष्णा रजक निवासी सबलगढ़ की महिला की प्रसव के दौरान मौत हो चुकी है। मृतिका की रिश्तेदार मीरा रजक ने कलेक्टर व थाना स्टेशन रोड में हास्पीटल संचालक के खिलाफ आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में थाना स्टेशन रोड पुलिस ने संचालक को बुलाया था लेकिन वह थाने नहीं पहुंचा है।
  • 11 माह पूर्व हुई थी मृतिका की शादी
    प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के दौरान हुई जमुना प्रजापति की 11 माह पूर्व शादी हुई थी। उसकी यह पहली डिलीवरी थी लेकिन यह दलाल एंबुलेंस चालक व प्राइवेट अस्पताल संचालक की लापरवाही के चलते मौत की शिकार हो गई। विडंवना इस बात की है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे, इसलिए इनके हौंसले बुलंद हैं।
    पति बोला: इंजेक्शन लगाते निकल गए थे मुंह से झाग
  • पत्नी को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचा, रात भर रहा। 20 फरवरी की सुबह मेरे पास एंबुलेंस चालक छोटू आया और बोला कि यहां तो बड़े-बड़े इंजेक्शन लगाएंगे, प्राइवेट में ले चलो, वहां नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। दलाल सुभाष नगर श्री हरि अस्पताल में ले गया, वहां पहुंचते ही 30 हजार रुपए लेकर ऑपरेशन कर दिया। 36 घंटे बाद स्टाफ ने इंजेक्शन लगाया तो मुंह से झाग निकल गए। मैं घर वालों से बात कर रहा था तब तक स्टाफ ने पत्नी के शव को कंबल में लपेटकर एंबुलेंस में डाल दिया। जब हंगामा किया तो 40 हजार रुपए देकर राजीनामा की बात करने लगे।
    पंकज प्रजापति, पति
    कथन
  • परिजन का आरोप है कि स्टाफ ने गलत इंजेक्शन लगाया जिससे महिला की मौत हो गई। सूचना मिलते ही रात को महिला के शव को पीएम हाउस में रखवा दिया और सुबह उसका पीएम करवाकर मर्ग कायम किया है। मामले की जांच कर रहे हैं।
    दीपाली चंदोरिया, सीएसपी

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