सेल्फी पॉइंट के ज़रिए यातायात जागरूकता ‘मिशन सड़क सुरक्षा’ के तहत शहर और ग्रामीण इलाकों में 70 से अधिक सेल्फी पॉइंट स्थापित किए गए हैं। इन स्थानों पर लोग न केवल तस्वीरें ले रहे हैं, बल्कि यातायात नियमों का पालन करने की शपथ भी ले रहे हैं। खास बात यह है कि यह अभियान केवल पुलिस तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग और स्थानीय धार्मिक संस्थाओं की भी सक्रिय सहभागिता है। एसएसपी सतपाल अंतिल स्वयं भी सड़कों का नियमित निरीक्षण कर रहे हैं और सुधार कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं।
धर्मस्थलों के माध्यम से जागरूकता फैलाना इस अभियान के अंतर्गत मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और चर्चों के माध्यम से धर्मगुरुओं की सहायता लेकर आम जनता को यातायात नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। धार्मिक स्थलों के प्रभाव का उपयोग करते हुए लोगों में नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है, जिससे एक सामाजिक बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों के बाद जागरूकता की पहल सड़क सुरक्षा को लेकर यह पहल सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष समिति की सिफारिशों के बाद शुरू की गई है। समिति ने सड़क हादसों पर चिंता जताते हुए सभी जिलों को सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी लाने के निर्देश दिए थे। मुरादाबाद पुलिस ने इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह व्यापक जागरूकता अभियान आरंभ किया है, जो अब जनपद में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हो रहा है।
लोगों की सोच और व्यवहार में परिवर्तन एसएसपी सतपाल अंतिल ने स्पष्ट किया है कि ‘मिशन सड़क सुरक्षा’ केवल चालान या जुर्माने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असली मकसद लोगों की सोच और व्यवहार में स्थायी बदलाव लाना है। जब तक नागरिक खुद यातायात नियमों के पालन के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे, तब तक सड़क हादसों में कमी संभव नहीं है। अब तक के आंकड़े यह बताते हैं कि अभियान के शुरू होने के बाद सड़क हादसों में मृतकों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिससे यह साबित होता है कि मुरादाबाद पुलिस का यह प्रयास ज़मीनी स्तर पर प्रभावी सिद्ध हो रहा है।