युवक के चौखट पर धरने पर बैठी
पीड़िता तकरीबन पांच दिनों से पेट में पल रहे 9 माह के शिशु को लेकर युवक के घर की ड्योढ़ी पर डटी हुई थी। आरोप है कि प्रसव सन्निकट होने के साथ युवती की हालत जहां बिगड़ने लगी थी वहीं वह पीछे हटने को तैयार नहीं थी, इस बीच उसे पुलिस द्वारा उसे और उसके परिजनों को युवक की ड्योढ़ी से युवती को हटा दिया गया था। जहां से हटने के बाद वह अपने गर्भ में पल रहे शिशु को लेकर युवक के घर से सौ मीटर की दूरी पर एक बैंक के समीप बैठ गई थी। जहां उसे न तो कोई सहारा और छांव मिला था ना ही कोई स्वास्थ्य सुविधाएं जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी थी। शनिवार को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी, जानकारी होने पर गांव की महिला स्वास्थ्य कर्मी (एएनएम) ने उसे रात में गांव के ही उप स्वास्थ्य केन्द्र गड़बड़ा राजा में लें गई जहां अभाव तले उसने देर रात्रि में एक बच्चे को जन्म दिया।
आरोपी युवक हुआ फरार
युवती को प्रेम जाल में फांस कर शादी का वास्ता देकर अपनी हवश मिटाते आएं युवक के परिजन युवती के प्रसव की खबर होते ही जहां इधर-उधर हो लिए हैं वहीं आरोपी युवक भी फरार हो लिया है। बताते चलें किअविवाहिता के गर्भवती होने पर उसे उसके परिजनों ने घर से बाहर निकाल दिया था। घर से निकाले जाने पर पीड़िता आरोपी युवक के घर पहुंची थीं। जहां युवक के परिजनों ने धक्का देकर उसे बाहर कर दिया था। ऐसी स्थिति में खुद को बेसहारा मान 4-5 दिनों से पीड़िता युवक के घर से कुछ मीटर की दूरी पर बाहर बैठी रही है। इस दौरान पीड़िता का आरोप रहा है कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, बल्कि उसे ही हटा रही है जबकि युवक व युवक के परिजन उसे बराबर डराएं धमकाएं हुए जा रहे थे। बिन ब्याह एक बच्चे को जन्म देने के बाद युवती जहां अंतिम सांस तक अपने हक के लिए लड़ने और युवक को सजा दिलाने, मासूम को उसका हक दिलाने के लिए चट्टान की भांति अडिग है वहीं उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। युवती के पिता ने बताया कि वह कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहे हैं, मुझे धमकी मिली, बेटी के साथ जो ग़लत हुआ है उसे लेकर किसके पास जाऊं की मुझे व मेरी बेटी को न्याय व उसका अधिकार मिल सके। वह कहते हैं कि पुलिस भी उल्टा उन्हीं के घर आकर चुप करा रही है, यह कहां का न्याय है?
वहीं दूसरी ओर पीड़िता ने कहां है कि जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता है वह पीछे हटने वाली नहीं है।