महाकुंभ नगर के जिलाधिकारी भी रहे, PM मोदी के हाथों हो चुके हैं पुरस्कृत
विजय किरण आनंद वाराणसी और गोरखपुर में जिलाधिकारी की जिम्मेदारी संभालने से पहले मैनपुरी, उन्नाव, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर के भी डीएम रहे हैं। यूपी में 2017 में योगी की सरकार बनने पर योगी ने माघ मेला के आयोजन में लगाया। इसके बाद 2019 में उन्हें अर्ध कुंभ मेला की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद इस साल महाकुंभ 2025 के आयोजन से ठीक पहले उन्हें दोबारा प्रयागराज लाया गया और मेलाधिकारी बनाया गया। महाकुंभ नगर के जिलाधिकारी भी रहे।उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक, बेसिक शिक्षा में विशेष सचिव और स्कूल शिक्षा के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। विजय किरन आनंद को 2020 में प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कृत भी किया गया।
2009 बैच के हैं IAS विजय कुमार आनंद
विजय कुमार आनंद वर्ष 2009 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। विजय आनंद का जन्म बैंगलोर में हुआ था। वो पूर्व में चार्टर्ड अकाउंटेंट भी रह चुके हैं। उन्हें अपनी पहली पोस्टिंग यूपी के बागपत में मिली, जहां उन्होंने बतौर उपजिलाधिकारी काम किया था। इसके बाद उनकी तैनाती बाराबंकी में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर हुई।
भ्रष्टाचार पर योगी गंभीर, इन्वेस्ट यूपी का सीईओ बनाए गए विजय किरण
उन्होंने प्रयागराज में हुए महाकुंभ में अहम जिम्मेदारी निभाई थी। उन्हें महाकुंभ में मेला अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। जिनके नेतृत्व में महाकुंभ का भव्य और ऐतिहासिक आयोजन हुआ था इससे पहले वो माघ मेला 2017 और अर्ध कुंभ मेला 2019 में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं। अब उन्हें इन्वेस्ट यूपी के नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है।इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को पिछले दिनों घूसखोरी के आरोप में निलंबित करते हुए यहां से हटा दिया गया था।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते मंगलवार को इन्वेस्ट यूपी के कार्यों की समीक्षा की थी और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कार्यप्रणाली में सुधार के निर्देश दिए थे। उसके बाद विजय किरन आनन्द को कुंभ मेला अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज देने के साथ-साथ इन्वेस्ट यूपी का सीईओ बनाया गया है।