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अभियान की मुख्य विशेषताएँ
- सड़क सुरक्षा और कानून व्यवस्था होगी सुदृढ़ – अनधिकृत वाहनों की वजह से होने वाली घटनाओं पर लगेगा अंकुश।
- नाबालिगों के हाथ में नहीं होगी स्टेयरिंग – नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई।
- वाहन और चालक का अनिवार्य सत्यापन – सभी टेंपो और ई-रिक्शा चालकों का पुलिस व परिवहन विभाग से सत्यापन कराया जाएगा।
- नोडल अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग – अभियान की प्रभावी निगरानी के लिए मुख्यालय स्तर पर अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन संजय सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
- सभी जिलों में गठित होगी टास्क फोर्स – जिला स्तर पर पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम निगरानी करेगी।
- हर शुक्रवार को शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट – अभियान की प्रगति की रिपोर्ट नियमित रूप से शासन को प्रेषित की जाएगी।
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मुख्यमंत्री के आदेश: सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी हाल में प्रदेश में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ न हो। उन्होंने कहा कि अनधिकृत वाहनों के कारण कई घटनाएँ हो चुकी हैं और इस पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता है। सीएम योगी के निर्देशानुसार, सभी जिलों के परिवहन अधिकारियों और पुलिस विभाग को इस अभियान को सफल बनाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।नाबालिगों के लिए विशेष दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी नाबालिग को वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यदि कोई नाबालिग वाहन चलाता हुआ पाया जाता है तो वाहन मालिक और उसके अभिभावकों पर कड़ी कार्रवाई होगी। इससे सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
परिवहन विभाग की रणनीति
परिवहन विभाग ने इस अभियान के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। सभी जिलों के परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इस अभियान को प्रभावी तरीके से लागू करें। इसके तहत हर जिले में टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। यह टीम नियमित रूप से सड़कों पर निगरानी रखेगी और अनधिकृत वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई करेगी। यह भी पढ़ें
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मुख्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त
अभियान की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यालय स्तर पर अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन संजय सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे प्रतिदिन इस अभियान की समीक्षा करेंगे और इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके अलावा जिलों में संभागीय परिवहन अधिकारियों को भी अभियान के सफल संचालन की जिम्मेदारी दी गई है।परिवहन आयुक्त का बयान
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि, “मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था सुदृढ़ बनाए रखने के लिए विगत दिनों बैठक ली थी। इसमें उन्होंने अनधिकृत ई-रिक्शा व ऑटो के विरुद्ध अभियान चलाने का निर्देश दिया था। यह अभियान 1 अप्रैल से प्रारंभ होकर 30 अप्रैल तक चलेगा। मुख्यालय स्तर से इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग होगी और हर शुक्रवार को शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।” यह भी पढ़ें
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अभियान से जनता को होने वाले लाभ
- सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
- नाबालिगों द्वारा वाहन संचालन पर रोक लगेगी।
- कानून व्यवस्था में सुधार होगा।
- यात्रियों को सुरक्षित और अधिकृत परिवहन सेवाएं मिलेंगी।
- अनधिकृत वाहन संचालकों पर कार्रवाई होगी, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी।
नियम तोड़ने पर क्या होगी सजा
यदि कोई ई-रिक्शा या ऑटो बिना अनुमति के पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें वाहन जब्त करने के साथ-साथ जुर्माना और लाइसेंस निरस्तीकरण भी शामिल होगा। यदि किसी नाबालिग को वाहन चलाते हुए पकड़ा गया तो उसके अभिभावकों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें