‘बहुजनों को शासक वर्ग बनने की जरूरत’
बसपा सुप्रीमो ने कहा, “देश के समस्त दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों व अन्य उपेक्षितों को भी वास्तव में मिशनरी अंबेडकरवादी बनना होगा, जिसमें जुल्म-ज्यादती व अन्याय आदि से मुक्ति पाकर शासक वर्ग बनने की शक्ति उनकी आपसी एकता व सत्ता की मास्टर चाबी की प्राप्ति में ही है।”
‘आरक्षण पर हो रहा है कुठाराघात’
मायावती ने आगे कहा, “देश में बहुजनों के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक हालात, कांग्रेस की तरह भाजपा शासनकाल में भी अति-दयनीय हैं तथा इनके आरक्षण के संवैधानिक अधिकार पर भी सुनियोजित कुठाराघात होने से अब इनकी स्थिति कुछ ‘अच्छे दिन’ के बजाय बुरे दिन वाली ही बन रही है, जो अति दुःखद व चिंतनीय है।” बता दें कि हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। यह दिन भारत के संविधान निर्माता, सामाजिक सुधारक और दलित आंदोलन के प्रणेता डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन को चिह्नित करता है। इस अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम, रैलियां और सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं, जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर की समानता, शिक्षा, और सामाजिक न्याय के योगदान को याद किया जाता है।