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पीड़िता ने बताया कि आरोपी युवक से उसकी पहचान वॉट्सऐप के माध्यम से हुई थी, जिसके बाद वह पीड़िता के घर तक पहुंच गया और विश्वास जीतकर शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण करता रहा। यह मामला न सिर्फ महिला की गरिमा से खिलवाड़ का है, बल्कि उसकी नाबालिग बेटी की सुरक्षा पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।मामले की शुरुआत कैसे हुई
लखनऊ के एलडीए कॉलोनी, सेक्टर I, 368 कानपुर रोड की निवासी महिला, जिनके पति नीरज कुमार अरोड़ा की मृत्यु वर्ष 2018 में हो चुकी है, एक सोलह वर्षीय बेटी की मां हैं और जीवनयापन के लिए ठेला लगाती हैं। महिला के अनुसार लगभग दो वर्ष पूर्व राजन विश्वकर्मा पुत्र हरिशंकर, जो माल थाना क्षेत्र का निवासी है, से वॉट्सऐप के ज़रिए संपर्क हुआ। धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और आरोपी ने शादी का झांसा देकर महिला का विश्वास जीता।विनय शंकर तिवारी के घर छापा: लखनऊ से मुंबई तक ईडी की दबिश
दुष्कर्म, गर्भपात और ब्लैकमेलिंग का आरोप
पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने पिछले दो वर्षों में शादी का झांसा देकर बार-बार दुष्कर्म किया। इस बीच वह गर्भवती हो गई, लेकिन आरोपी ने गर्भपात करवाने के लिए दबाव बनाया और जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया।इतना ही नहीं, आरोपी ने महिला के लोन की रकम भी हड़प ली और उसकी स्कूटी जबरन छीन ली, जो महिला ने बाद में मुश्किल से वापस पाई।
नाबालिग बेटी पर बुरी नज़र और घर पर कब्जे का आरोप
महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उसने आरोपी के व्यवहार का विरोध किया और उसे बेटी से दूर रहने को कहा, तो आरोपी ने उसकी बेटी पर बुरी नजर रखने की कोशिश की। जब महिला ने सख्ती से विरोध किया तो राजन ने उसका गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की और घर पर कब्जा करने की धमकी भी दी।रामायण नहीं, सम्राट अशोक पर बोलिए – मंच से उतरे मंत्री हरगोविंद कुशवाहा
पुलिस जांच में जुटी, कार्रवाई जल्द
माल थाना प्रभारी ने बताया कि महिला की तहरीर मिल गई है और मामला बेहद गंभीर प्रकृति का है।यह सिर्फ एक महिला की लड़ाई नहीं, समाज के लिए आईना है
सवाल उठता है – क्या हम सच में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित समाज बना पाए हैं?
कानूनी पहलू – कौन-कौन से धाराएं लग सकती हैं
- इस मामले में आरोपी पर निम्न धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हो सकता है:
- IPC 376 – बलात्कार
- IPC 313 – महिला की इच्छा के विरुद्ध गर्भपात
- IPC 506 – धमकी देना
- IPC 354 – छेड़छाड़
- IPC 420 – धोखाधड़ी
- POCSO Act – नाबालिग पर बुरी नज़र (यदि साक्ष्य मिले)
महिला सुरक्षा के लिए क्या कर सकती है सरकार और समाज
- साइबर प्लेटफॉर्म की निगरानी बढ़ानी चाहिए
- सिंगल मदर या विधवा महिलाओं के लिए हेल्पलाइन सक्रिय रहनी चाहिए
- नाबालिग बच्चों की सुरक्षा पर विशेष अभियान चलाया जाए
- आरोपियों को जल्दी सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की भूमिका बढ़े