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निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का सुदृढ़ीकरण
मुख्यमंत्री ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ को सिंगल विंडो सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों को विभिन्न विभागों से स्वीकृतियां प्राप्त करने में होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए ‘निवेश मित्र’ पोर्टल की पुनर्संरचना की जाए। तकनीक की सहायता से ऐसी व्यवस्था स्थापित की जाए, जिससे उद्यमियों के आवेदन अन्य विभागों को रीडायरेक्ट न हों और प्रत्येक आवेदन का निस्तारण तय समय सीमा के भीतर हो। यदि निर्धारित समय सीमा में निस्तारण नहीं होता है, तो डीम्ड अनुमति प्रदान की जानी चाहिए। इसके लिए सिंगल विंडो एक्ट लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे बड़े निवेश के लिए औद्योगिक विकास विभाग द्वारा एकल स्वीकृति की व्यवस्था हो सके।
औद्योगिक नीतियों का विस्तार और लैंड बैंक का विकास
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास के लिए नई नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने वैश्विक क्षमता केंद्र (ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर), फुटवियर एंड लेदर पॉलिसी, सर्विस सेक्टर पॉलिसी, फिनटेक और फाइनेंशियल सर्विस पॉलिसी, और बायोटेक पॉलिसी जैसी नीतियों को शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, औद्योगिक विकास के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु लैंड बैंक के विस्तार के प्रयासों को तेज करने और भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।उत्तर प्रदेश के युवा बनेंगे ‘रेडी टू वर्क’, जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी में खुलेंगे लाखों रोजगार के रास्ते
निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने के प्रयास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ के नए कार्यालय का उद्घाटन करते हुए निवेशकों के साथ संवाद किया और उनके विचारों एवं सुझावों को सुना। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए पिछले वर्षों में कई सुधार किए गए हैं और आगे भी सुधार जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश निवेशकों के विश्वास पर खरा उतरेगा और उन्हें स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा। 
विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीति
उत्तर प्रदेश सरकार ने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नई निवेश प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत, 100 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाली कंपनियों को जमीन खरीद, स्टांप ड्यूटी, और अन्य करों में रियायतें दी जाएंगी। इसके अलावा, यदि ये कंपनियां उत्तर प्रदेश के लोगों को रोजगार देती हैं, तो प्रति व्यक्ति 5,000 रुपये प्रतिमाह की दर से (अधिकतम 500 व्यक्ति) पांच साल तक प्रतिपूर्ति की जाएगी। उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी का कहर: 40 डिग्री पार तापमान, 10 जिलों में लू का कहर, मौसम विभाग ने दी चेतावनी
निजी औद्योगिक पार्कों के विकास को प्रोत्साहन
प्रदेश सरकार ने निजी औद्योगिक पार्कों के विकास को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रावधान किए हैं। निवेश के क्षेत्र के आधार पर 45 करोड़ रुपये की सीमा के अधीन बुंदेलखंड और पूर्वांचल में 20 एकड़ या उससे अधिक तथा मध्यांचल व पश्चिमांचल में 30 एकड़ या उससे अधिक के निजी औद्योगिक पार्कों के लिए 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। 100 एकड़ से अधिक के पार्कों के लिए सब्सिडी सीमा को बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये किया गया है। 
डिजिटल सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण
‘इन्वेस्ट यूपी’ द्वारा निवेश मित्र पोर्टल के सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म प्रणाली को और दुरुस्त किया जाएगा। इसमें कारोबारियों के लिए यूनिफाइड जी2बी इंटरफेस, माइक्रो सर्विस आर्किटेक्चर, इंटीग्रेशन, और एफिशिएंट कंटेंट मैनेजमेंट प्रणाली को पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, इंडस्ट्रियल पार्क रेटिंग सिस्टम (आईपीआरएस) रैंकिंग फ्रेमवर्क को विकसित करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। मिशन रोजगार: टाटा मोटर्स 9 अप्रैल को 1000 पदों पर करेगी भर्ती, ITI पास युवाओं के लिए सुनहरा मौका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों के लिए सुविधाजनक वातावरण बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने, निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को सुदृढ़ करने, नई औद्योगिक नीतियों को लागू करने, लैंड बैंक का विकास करने, और डिजिटल सुविधाओं को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। इन प्रयासों से प्रदेश में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और उत्तर प्रदेश एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभरेगा।—