AK Sharma Action: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा सख्त: लाइन लॉस, ट्रांसफार्मर ओवरलोडिंग और विद्युत चोरी पर अब नहीं चलेगा समझौता
AK Sharma Action UP Energy Department: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुए बड़ा एक्शन प्लान जारी किया है। लाइन लॉस, ट्रांसफार्मर ओवरलोडिंग और विद्युत चोरी जैसे मामलों में अब लापरवाही नहीं चलेगी। संविदा कर्मियों से लेकर अधिकारियों तक जवाबदेही तय होगी और हर स्तर पर सख्ती बरती जाएगी।
30% से ज्यादा लाइन लॉस पर संविदा कर्मचारियों की होगी बर्खास्तगी, विद्युत चोरी पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश
Energy Minister AK Sharma उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विभागीय अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें राज्य की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, लाइन लॉस, ट्रांसफार्मर लोडिंग और विद्युत चोरी जैसे गंभीर मामलों पर कठोर रुख अपनाया गया। बैठक में मंत्री ने साफ किया कि अब लापरवाही, उदासीनता और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
30% से अधिक लाइन लॉस पर संविदा कर्मचारियों की छुट्टी तय
ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट निर्देश जारी किए कि जिन फीडरों पर 30% से ज्यादा लाइन लॉस दर्ज किया जाएगा, वहां कार्यरत संविदा कर्मियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह मान्य नहीं है कि राज्य सरकार अरबों रुपये सब्सिडी दे और जमीनी स्तर पर अधिकारी व कर्मचारी अपने दायित्व से भागते रहें।
ओवरलोड ट्रांसफार्मर अब आएंगे जांच के दायरे में
बैठक में यह भी सामने आया कि राज्य में कई ट्रांसफार्मर 70% से अधिक लोड पर संचालित हो रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने ऐसे मामलों को गंभीर मानते हुए आदेश दिया कि 70% से अधिक लोड वाले ट्रांसफार्मरों की जांच की जाए और ज़िम्मेदार अभियंताओं पर कार्रवाई की जाए। यह न सिर्फ उपकरणों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जो सहायक और अधिशासी अभियंता अपने क्षेत्र में काम में रुचि नहीं ले रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए। साथ ही, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता की जवाबदेही भी तय की जाएगी। अब जिम्मेदारी से बचना किसी को माफ नहीं किया जाएगा।
पर्यटन और धार्मिक स्थलों की बिजली न काटने के निर्देश
प्रदेश में धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर विशेष ध्यान देने की बात करते हुए मंत्री ने निर्देश दिए कि इन स्थानों पर किसी भी स्थिति में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। चाहे तकनीकी हो या अन्य कारण, इन क्षेत्रों को प्राथमिकता के साथ देखा जाए। यह पर्यटन विकास और श्रद्धालुओं की सुविधा से जुड़ा मामला है।
मंत्री ने सख्ती से कहा कि पीक आवर्स (सुबह 7 से 11 और शाम 6 से 10) के बीच कोई भी शटडाउन स्वीकार्य नहीं होगा। इस दौरान उपभोक्ताओं की बिजली काटना न सिर्फ असुविधा उत्पन्न करता है बल्कि राज्य सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।
लाइन लॉस वाले फीडरों की समीक्षा डिस्कॉम एमडी खुद करेंगे
ऊर्जा मंत्री ने आदेश दिया कि जिन फीडरों में लगातार लाइन लॉस अधिक रहता है, उनकी जांच और समीक्षा का कार्य डिस्कॉम के एमडी खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि अब मैनेजमेंट लेवल पर भी सक्रियता जरूरी है, सिर्फ फील्ड स्टाफ पर दबाव बनाकर काम नहीं चलाया जाएगा।
विजिलेंस विभाग में साल भर से ज्यादा तैनात कर्मचारियों को हटाने के आदेश
मंत्री ने निर्देश दिया कि विद्युत विजिलेंस विभाग में 1 साल से अधिक समय से जमे कर्मचारियों को तुरंत हटाया जाए। लंबे समय तक एक ही स्थान पर तैनाती से पारदर्शिता में बाधा आती है और भ्रष्टाचार की आशंका बढ़ती है।
विद्युत चोरी पर सख्ती जरूरी
बैठक में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली चोरी राज्य की सबसे बड़ी चुनौती है। इस पर यदि तत्काल और प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई, तो ईमानदार उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। चोरी पकड़ने की दर बढ़ाई जाए और दोषियों को कठोर दंड मिले।
30% से ज्यादा लाइन लॉस = संविदा कर्मियों की बर्खास्तगी
70%+ लोड वाले ट्रांसफार्मर = अभियंताओं पर कार्रवाई
सहायक/अधिशासी अभियंता = कार्य में रुचि न होने पर कार्रवाई
मुख्य अभियंता = जवाबदेह
पर्यटन/धार्मिक स्थल = बिजली न काटने के आदेश
पीक टाइम = शटडाउन पूरी तरह वर्जित
विजिलेंस विभाग = लंबे समय से जमे कर्मचारियों को हटाने के आदेश
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि “अब समय आ गया है कि ईमानदार उपभोक्ताओं को राहत मिले और लापरवाह अधिकारी-कर्मचारी सिस्टम से बाहर किए जाएं। जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी और बिजली आपूर्ति को जनहित में सुधारना हमारी प्राथमिकता है।”
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