वीडियो वायरल होने के कुछ ही घंटों में प्रशासन सक्रिय हो गया। डीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार, लेखपाल और अन्य अधिकारियों की टीम प्रताप नामक व्यक्ति के घर पहुंची, जहां उन्होंने आवश्यक राहत सामग्री दी। परिवार की स्थिति देखकर अधिकारियों की आंखें नम हो गईं। वहां मौजूद दो दृष्टिहीन बेटियां सोनी और मोनी अपनी बहनों और भाइयों के साथ कठिन हालातों में जीवन गुजार रही थीं।
सीएम के निर्देश पर चला राहत कार्य
प्रताप का परिवार बेहद गरीब है। दो बेटियां दृष्टिहीन हैं, मां का देहांत हो चुका है और पिता मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह बच्चों को पालने की कोशिश कर रहे थे। मगर दो वक्त की रोटी भी मयस्सर नहीं थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जो राहत सामग्री दी गई, उसमें चावल, आटा, दाल, आलू, प्याज, टमाटर, तेल, नमक और मसाले शामिल थे। मदद की इस सूची में शामिल थे:
- 15 किलो चावल
- 15 किलो आटा
- 10 किलो आलू
- 02 किलो प्याज
- 01 किलो टमाटर
- 01 लीटर सरसों का तेल
- 01 किलो नमक
- मसालों और हल्दी के पैकेट
- 03 किलो अरहर दाल
सरकारी योजनाओं से जोड़े जाने की प्रक्रिया प्रारंभ
जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस परिवार को न केवल तुरंत राहत पहुंचाई गई है, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसमें राशन कार्ड, दिव्यांग सहायता योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, आयुष्मान भारत योजना और मुफ्त बिजली कनेक्शन जैसी योजनाएं शामिल हैं।
प्रशासन की तत्परता बनी चर्चा का विषय
इस घटना के बाद पूरे राज्य में प्रशासन की तत्परता की सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग
सीएम योगी के मानवीय संवेदनशीलता की प्रशंसा कर रहे हैं। प्रताप ने कहा, “कभी नहीं सोचा था कि हमारी आवाज इतनी दूर तक पहुंचेगी। आज मुझे लग रहा है कि सरकार सच में गरीबों के साथ है।”
सीएम योगी की जनसरोकारों में तत्परता
यह पहला मौका नहीं है जब सीएम योगी ने सोशल मीडिया पर आई किसी जानकारी पर इतनी जल्दी कार्रवाई की हो। इससे पहले भी वे कई बार ऐसे मामलों में व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लेकर पीड़ितों तक मदद पहुंचा चुके हैं। यह उनकी जनसरोकारों को लेकर प्रतिबद्धता और प्रशासनिक कुशलता का प्रमाण है।
योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए टीम तैयार
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार अब प्रताप के परिवार की स्थायी सहायता के लिए एक टीम बनाई गई है, जो इस परिवार के दस्तावेजों की पूर्ति कर उन्हें योजनाओं में सम्मिलित करेगी। इसके अलावा दृष्टिहीन बेटियों के लिए विशेष स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।