scriptLok Sabha Election 2024: चंबल नदी की लहरें शांत… किनारे पर हिलोरें मार रही क्षेत्र की सियासत | OM Birla Third Win From Kota Challenged by BJP Rebel Prahlad Gunjal | Patrika News
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Lok Sabha Election 2024: चंबल नदी की लहरें शांत… किनारे पर हिलोरें मार रही क्षेत्र की सियासत

Lok Sabha Election 2024: विधानसभा के बाद लोकसभा में हैट्रिक की तैयारी में बिरला, दल-बदल के चलते भितरघात और उम्मीदवार की विवादित छवि से जूझ रही कांग्रेस

कोटाApr 21, 2024 / 02:30 pm

Rakesh Mishra

शादाब अहमद

Lok Sabha Election 2024: चंबल नदी की लहरें इन दिनों शांत जरूर दिख रही हैं, लेकिन इसके किनारों पर चुनावी गरमाहट साफ तौर पर देखी जा सकती है। जी, हां हम बात कर रहे हैं कोटा के चंबल नदी के किनारे पर बसे रामपुरा इलाके की। यहीं से हमने चुनावी माहौल जानने की यात्रा शुरू की। यहां भाजपा के झंडों के साथ एक और झंडा लगा मिला, जिसका रंग भगवा और उस पर राम मंदिर की छवि उकेरी गई है। रामपुरा में सुबह के समय एक मंदिर से पूजा कर बाहर निकली उर्वशी से इन झंडों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर बनवाकर वर्षों पुराना सपना पूरा किया है। यही वजह है कि भगवा झंड़े के साथ भाजपा का झंडा भी लगा है। हर जगह ऐसे झंडे सहज ही दिख रहे हैं, जो चुनावी माहौल की दिशा बताने के लिए काफी साबित हो रहे हैं।
पीएम मोदी के चेहरे के साथ सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर भी है कि ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष बनने से कोटा का मान देश में बढ़ा है। महावीर नगर में रहने वाले प्रकाश शर्मा ने कहा कि सच्चाई है कि बिरला की वजह से कोटा का मान तो बढ़ा ही है, पानी जैसी समस्या का समाधान बिरला ने ही करवाया है। इसके अलावा कोटा का हवाई अड्डा भी मुद्दा बना हुआ है। इस पर जनता खुद ही जवाब दे रही है। तलवंडी निवासी अजय सिंह ने कहा कि 2018 से 2023 तक राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रही है। केन्द्र में बिरला ने हवाई अड्डे को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी करवाई, लेकिन राज्य सरकार ने जमीन देने में रोड़े अटकाए। अजय ने यहां तक कहा, आप चाहे तो सरकारी रिकॉर्ड देख लो, सब पता चल जाएगा। राज्य में भाजपा सरकार बनने के दो महीने बाद ही जमीन देने का काम पूरा हो गया। यदि कांग्रेस सरकार ने जमीन दी होती तो शायद आज हवाई अड्डे का काम शुरू हो गया होता।

चर्चा में धारीवाल के तल्ख बयान

कोटा उत्तर से विधायक शांति धारीवाल भले ही कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में अब प्रचार में उतर गए हो, लेकिन उनके तल्ख बयान चर्चा में बने हुए हैं। चुनाव की शुरुआत में कांग्रेस उम्मीदवार के साथ मंच साझा करते हुए धारीवाल ने पीड़ा भी जता दी थी। इसी तरह रामगंजमंडी, सांगोद, लाडपुरा में कई नेता कांग्रेस उमीदवार का गुपचुप तरीके से विरोध कर रहे हैं।

बिरला का ट्रैक रेकॉर्ड

लोकसभा अध्यक्ष बिरला 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद 2008 व 2013 में लगातार चुनाव जीतने की हैट्रिक बनाई। वहीं 2014 में पहला लोकसभा चुनाव जीता। 2019 में उनकी जीत का अंतर बढ़ गया। वहीं 2024 में अब लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में दिख रहे हैं।

दोहरे संकट से जूझ रही

कांग्रेस ने प्रहलाद गुंजल को टिकट दिया है। गुंजल ने कोटा उत्तर से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। गुंजल की विवादित छवि को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कोटा में कई होर्डिंग्स इस तरह के लगे मिलेंगे, जिनमें गुंजल की छवि अतिक्रमणकारी की बताई गई है। कांग्रेस दोहरे संकट से जूझ रही है। एक तरफ गुंजल की विवादित छवि तो दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का भितरघात भी जमकर चल रहा है। गुमानपुरा निवासी छगन चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस को कांग्रेसी ही हरवा रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष होने से देशभर की नजर

बिरला की छवि मिलनसार के साथ हर किसी की मदद करने वाली रही है। बिरला के साथ भाजपा नेता एकजुटता से चुनाव में जुटे हुए हैं। सांगोद के पंकज रजक ने कहा कि बिरला अभी लोकसभा अध्यक्ष हैं। आगे भी वे या तो लोकसभा अध्यक्ष बने रहेंगे या फिर उन्हें मंत्री पद मिलेगा। इसका लाभ यहां की जनता को होगा।

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