बिरला ने कहा कि भारत का संविधान न केवल एक दस्तावेज है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की नींव और सामाजिक न्याय का आधार है। संविधान पार्क का उद्देश्य यही है कि यह आने वाली पीढ़ी को न केवल अपने अधिकारों की जानकारी दे, बल्कि अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग बनाए। यह पार्क हमारे संविधान की ऐतिहासिक यात्रा और उसके निर्माण में योगदान देने वाली महान विभूतियों को सम्मान देने के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्यों की शिक्षा भी प्रदान करेगा।
ऐसा होगा पार्क का स्वरूप
इस पार्क का कुल क्षेत्रफल 12,000 वर्ग मीटर होगा, जिसमें आगंतुकों का स्वागत एक भव्य प्रवेश द्वार से किया जाएगा। जिस पर संविधान की प्रस्तावना के शब्द ‘न्याय, समानता और बंधुता’ उकेरे जाएंगे। इसके बाद आगंतुक संविधान निर्माण की ऐतिहासिक घटनाओं से परिचित होंगे, जो 20 फीट ऊंची दीवार पर चित्रित की जाएंगी। पार्क में एक ’’संविधान काल रेखा पथ’’ होगा। पार्क में एक भव्य अशोक स्तंभ की प्रतिमा होगी। बिरला ने निर्देश दिया कि पार्क के केंद्र में डॉ. भीमराव आम्बेडकर की एक गनमेटल से बनी पूर्ण आकार की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
कोटा को मिलेगी नई सांस्कृतिक पहचान
बिरला ने कहा कि कोटा केवल एक शैक्षिक नगरी ही नहीं, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रचारक भी बन सकता है। यह पार्क छात्रों, शोधार्थियों, पर्यटकों और नागरिकों के लिए एक प्रेरणादायी स्थल बनेगा, जहां वे न केवल संविधान के महत्व को समझेंगे, बल्कि उस पर आधारित अपने कर्तव्यों को भी महसूस करेंगे।