CG Electricity Bill: कवर्धा के प्रभारी बीईओ पर बीआरसी का आरोप
जिले के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम चल रहा है। बिना कमीशन दिए कोई काम नहीं होता है। यहां तक के वेतन निकालने, टीए-डीए बिल में भी 15 प्रतिशत कमीशन मांगा जाता है। कवर्धा
विकासखंड शिक्षा अधिकारी संजय जायसवाल पर कमीशनखोरी का आरोप किसी और ने नहीं बल्कि उनके विभाग से ही जुड़े विकासखंड स्त्रोत समन्वयक केशलाल साहू ने लगाया है। इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर की ओर से की गई है।
जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा ने बताया कि उनके बीआरसी कवर्धा की ओर से
शिकायत आई थी जिसे विभाग प्रमुख होने के नाते कलेक्टर को भेजा गया है। फि लहाल अस्थायी रूप से कार्य को आगे बढ़ाने के लिए बीईओ के साथ बीआरसी के ज्वाइंट खाते से
बीईओ को हटाकर दो अन्य लोगों के साथ खाता अपडेट कराया गया है। समग्र शिक्षा के जिला मिशन समन्वयक नकुल पनागर ने बताया कि इस प्रकरण के सामने आने के बाद कलेक्टर की जानकारी में यह प्रकरण है। जल्द ही जांच भी होगी। अभी बीईओ से खाता संचालन के अधिकार लेकर एपीसी एम के गुप्ता को दिए गए हैं।
….नहीं तो देयक पर हस्ताक्षर करने से मना करते
कवर्धा में प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत व्यायाता एलबी संजय जायसवाल के विरुद्ध समग्र शिक्षा में कलेक्टर के आदेश पर बतौर बीआरसी कार्य कर रहे केशलाल साहू ने एक लिखित शिकायत जिला परियोजना अधिकारी को किया। इसमें बताया गया कि प्रभारी
विकासखंड शिक्षा अधिकारी कवर्धा विभिन्न फ र्मों के भुगतान के लिए बिल व अन्य सभी तरह के देयक पर हस्ताक्षर करने से मना करते हैं। बदले में उनके द्वारा प्रत्येक बिल के भुगतान करने के एवज में 15 प्रतिशत कमीशन की मांग किया जाता है। इसकी प्रतिलिपि कलेक्टर व मिशन संचालक को भी दी गई है जो कि अपने आप में एक गंभीर स्थिति है।
संयुक्त खाता से हटाया
शिकायत के बाद कलेक्टर के अनुमोदन से बीईओ को संयुक्त खाता संचालन से हटा दिया गया। बीआरसी की शिकायत को लेकर प्रथम दृष्टया बीईओ को बीआरसी के साथ जारी संयुक्त खाता संचालक के
अधिकार से मुक्त करते हुए एपीसी एमके गुप्ता को बीआरसी के साथ खाता संचालन करने का अधिकार दिया गया है। इसका अनुमोदन कलेक्टर से भी लिए गए हैं, लेकिन अभी तक कमीशन प्रकरण की जांच शुरू नहीं हुई है।