CG News: तीन ग्राम पंचायतों का संभाल रहे कार्य
प्रदेश पदाधिकारी द्वारा सरकार व उच्च अधिकारियों से संपर्क किया तो उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि आप लोगों का काम हो रहा है। बजट में मांग पूरा हो जाएगा करके पूर्ण विश्वास दिलाया गया था। परंतु पंचायत सचिव की मांग को बजट में शामिल नहीं करने के कारण पंचायत सचिव बहुत क्षुब्ध व आक्रोशित हैं। पंचायत सचिवों की यह
अनिश्चितकालीन हड़ताल जिले के सभी ब्लॉक में की जा रही है। एक दिन पूर्व ही इसके लिए जनपद पंचायत स्तर पर आवेदन सौंपा गया। जिले में 470 ग्राम पंचायतों में 436 पंचायत सचिव मौजूद हैं। कई सचिव दो से तीन ग्राम पंचायतों का कार्य संभाल रहे हैं। वर्षों से इनकी एक ही मांग है कि इनका शासकीयकरण किया जाए, लेकिन कोई भी सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं कर सके।
राजमहल चौक कवर्धा के धरना प्रदर्शन स्थल पर कवर्धा सचिव संघ ब्लॉक अध्यक्ष डमरू नाथ योगी, सुरेश गुप्ता, जैतराम सिन्हा, नीलकंठ बंदे, लीलवाराम पटेल, गजानंद चंद्रवंशी, रवि चंद्रवंशी, सीमा, अजमेर बेग, उमला कौशिक, पूजा तिवारी, भीषम साहू, सविता कुंजाम सहित बड़ी संख्या में पंचायत सचिव मौजूद रहे।
पंचायत सचिवों के हड़ताल पर चले जाने के कारण ग्राम पंचायतों का कार्य पूरी तरह से ठप हो जाएगा। चूंकि अभी पंचायत चुनाव हुए हैं और अधिकतर पंचायतों में नए पंचायत प्रतिनिधि है। मतलब सरपंच और पंच बिलकुल नए हैं। उन्हें पंचायत के कामकाज की जानकारी ही नहीं।
वहीं 29 विभाग के कार्य प्रभावित होंगे। राशनकार्ड, पेंशन, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, पंचायत मासिक बैठक, ग्राम सभा, पंचायत के सभी निर्माण कार्य अवरुद्ध, गर्मी में ग्रामीणों के पेयजल, मवेशियों के लिए पीने एवं ग्रामीणों के निस्तारी पानी की व्यवस्था, रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आवास निर्माण कार्य, स्कूली बच्चों के स्थाई जाति निवास, एवं प्रमुख प्रधानमंत्री आवास सर्वे जो कि केंद्र सरकार से हो रहा है पूरी तरह से बंद हो गया है।
बजट में जिक्र तक नहीं
CG News: सचिव संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2023-24 में हुए चुनाव में मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया गया। वर्ष 1996 से कार्यरत पंचायत सचिवों को शासकीयकरण की गारंटी दी गई। वहीं मुख्यमंत्री के घोषणा अनुरुप 16 जुलाई 2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समिति का गठन कर 30 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए उल्लेख किया गया। उक्त आदेश के परिपालन में कमेटी द्वारा
पंचायत सचिवों के शासकीकरण के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। पंचायत सचिवों को पूर्ण आशा व विश्वास था कि प्रस्तुत रिपोर्ट अनुसार बजट सत्र में शासकीयकरण का सौगात प्रदान किया जाएगा।
किन्तु बजट सत्र में नहीं आने व इस विषय पर सरकार द्वारा कोई पहल नहीं किया गया। इसके चलते ही प्रदेश पंचायत सचिव संघ द्वारा 18 मार्च से ब्लाक मुख्यालय में अनिश्चितकालिन हड़ताल शुरु किया गया। वहीं एक अप्रैल को मंत्रालय घेराव करने का निर्णय लिया गया है।