पुरानी मशीनें भी गायब
नगर निगम के पास पहले से कुछ हस्तचालित फॉगिंग मशीनें भी थीं, जिनका इस्तेमाल विशेषकर बारिश के बाद मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए किया जाता था, लेकिन वर्तमान में उन मशीनों का भी कोई अता-पता नहीं है। उनका न तो इस्तेमाल हो रहा है और न ही रखरखाव की कोई व्यवस्था नजर आ रही है। ये मशीनें कबाड़ में पड़ी हैं।जनता परेशान, अधिकारी बेपरवाह
शहर के विभिन्न वार्डों से मच्छरों की भरमार की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे केस जिले में सामने आ चुके हैं। जिला अस्पताल में हर दिन एक हजार से अधिक की ओपीडी बीमारों होने वाले लोगों के आंकड़े बयां कर रहा है। मलेरिया, टायफाइड, डेंगू सहित कई रोगों के मरीज सरकारी और निजी अस्पतालों में लगातार पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम की ओर से फॉगिंग या मच्छरनाशक दवाओं का कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा।जनप्रतिनिधियों को नहीं कोई सरोकार
जनता को सुविधा दिलाने के नाम पर विभागों के अफसर लाखों रुपए की फॉगिंग मशीनें, कीटनाशक सामग्री, डीजल-पेट्रोल आदि तो क्रय कराते हैं, लेकिन यह खेल सिर्फ कागजों में अधिकांश समय चलता है। शहर में मच्छरों के प्रकोप को कम करने कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। हैरानी की बात तो यह है कि विभागों की बेपरवाही पर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा।लोगों ने बताई पीड़ा
राजा जगवानी, माधवनगर ने कहा कि हमारे वार्ड में पिछले कई महीनों से कोई फॉगिंग नहीं हुई है। कई लोग बीमार पड़ चुके हैं। जब इतने पैसे की मशीनें खरीदी गईं तो फिर उनका उपयोग क्यों नहीं हो रहा। इसमें अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए। विकास दुबे, तिलक कॉलेज ने कहा कि नगर निगम को जवाब देना चाहिए कि जब लाखों से से मशीनें खरीदी गईं तो चलवाई क्यों नहीं जा रहीं। साथ ही मशीनों को जल्द से जल्द वार्डों में भेजा जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके। लापरवाही बरनते वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई हो।स्वास्थ्य विभाग का भी यही हाल
स्वास्थ्य विभाग का भी यही हाल है। लाखों रुपए कीमती की हस्तचलित फॉगिंग मशीनें खरीदी गई हैं। ब्लॉकों में भी सुविधा मुहैया कराई गई है। मलेरिया विभाग द्वारा इन मशीनों को शहर के वार्डों में चलाने, ग्रामीण इलाकों में कुआं कराने आदि को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही। सिर्फ अभियान के समय रस्म अदायगी की जाती है। जब डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, मलेरिया आदि बीमारी फैलती हैं तभी फोटो सेशन चलता है। शेष समय भले ही मच्छरों का प्रकोप रहे, मच्छर जनित बीमारियां, बढ़ें, लेकिन मशीनों से धुआं नहीं कराया जा रहा है।