जीपीएस से कनेक्टेड रहेगा एप
इस फेस रीडिंग सिस्टम को एक विशेष मोबाइल एप से जोड़ा जाएगा, जो जीपीएस से कनेक्टेड रहेगा। इससे कर्मचारी की लोकेशन और समय दोनों की पुष्टि हो सकेगी। न सिर्फ उपस्थिति, बल्कि कर्मचारियों की कार्यस्थल पर मौजूदगी की वास्तविकता भी सत्यापित की जा सकेगी। इससे देर से आने, बिना बताए छुट्टी लेने जैसी समस्याओं पर लगाम लगेगी। पत्रिका जनसंवाद: वंशरूप वार्ड में गूंजीं जनता की आवाज, समस्याओं के समाधान को मिली नई दिशा
टेंडर प्रक्रिया की तैयार हो रही फाइल
नगर निगम ने इस परियोजना को लागू करने के लिए टेंडर दस्तावेज तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है। जैसे ही प्रक्रिया पूरी होगी, टेंडर पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा और किसी उपयुक्त एजेंसी का चयन कर उसे कार्य सौंपा जाएगा। इसके लिए एक्सपर्ट से भी अधिकारी बात कर रहे हैं। फेस रीडिंग सिस्टम से किस प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी और यह नगर निगम की कार्यप्रणाली में क्या सकारात्मक परिवर्तन लाएगा, इसको लेकर तकनीकी विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सिस्टम पूरी तरह फुलप्रूफ हो और उसमें कर्मचारियों के डेटा की सुरक्षा प्राथमिकता हो।
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निगम प्रशासन का लक्ष्य
नगर निगम प्रशासन का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाना, समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करना और निगम की कार्यक्षमता को बढ़ाना है। फेस रेकग्निशन जैसी तकनीक के उपयोग से नगर निगम की छवि में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है। बता दें कि कुछ माह पहले ही नगर निगम में आउटसोर्स में बड़ी गड़बड़ी सामने आए थी। 856 कर्मचारियों को बाहर किया गया और फिर इसके बाद लगभग 500 कर्मचारी फर रख लिए गए हैं। बीच में बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया गया, लेकिन उसे कर्मचारियों ने खराब कर दिया है।
आयुक्त ने कही यह बात
नगर निगम आयुक्त नीलेश दुबे ने कहा कि नगर निगम में अधिकारी-कर्मचारियों की समय पर पूरी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए फेस रेकग्निशन तकनीक लागू करने योजना बनाई जा रही है। इसके लिए एक्सपर्ट से चर्चा की गई है। टेंडर प्रक्रिया के लिए दस्तावेज तैयार कराए जा रहे हैं। एक्सपर्ट द्वारा बताया गया है कि यह सिस्टम जम्मू काश्मीर की एक संस्था में सफलतापूर्वक लागू किया गया है।