आमसभा में हुई चर्चा
बुधवार को विश्रामबाबा में आमसभा आयोजित कर समस्याओं पर चर्चा की। टीकाकरण पूरी तरह से प्रभावित रहा। गर्भवती महिलाओं के पंजीयन नहीं हुए। शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक पूरी तरह से बंद रहीं। 180 आरोग्य केंद्र पूरी तरह से बंद रहे। रिपोर्ट रिटर्न का काम नहीं हो पाया। डेटा अपडेशन नहीं हो पाया। टीबी कार्यक्रम भी प्रभावित रहा। इसके अलावा सभी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं।
कर्मचारियों की मांगें
कर्मचारियों की मांगें हैं कि विभाग में रिक्त पदों पर संविलियन किया जाकर, नियमित किया जाए, पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ईएल एवं मेडिकल को पृथक कर दिया है उसे शामिल किया जाए, अनुबंध प्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है, अप्रेजल जैसी कुरीति को यथावत रखा गया है। सेवानिवृत्ति की आयु में 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष किया गया है। एनपीएस, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा एवं डीए की सुविधा से वंचित रखा गया है। शासन द्वारा समकक्षता (वेतन विसंगति) का निर्धारण गलत तरीके से किया गया है, जिसमें पुनः विचार कर संशोधन किया जाए। निष्काशित सपोर्ट स्टॉफ एवं मलेरिया एमपीडब्ल्यू की एनएचएम में वापसी हो। यह भी पढ़े –
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विजय सोनी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत् लगभग 32 हजार कर्मचारी की न्यायउचित मांग हैं। कर्मचारियों द्वारा चरणबद्ध आंदोलन किए जा रहे थे। सुनवाई न होने पर 22 अप्रेल से प्रदेश के समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों ने कहा कि कोरोनाकाल जैसी गंभीर महामारी में भी अपने परिवार एवं जीवन की परवाह किए बगैर सेवाएं दी हैं। इन्ही सेवा-भाव को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 4 जुलाई 2023 को भोपाल में महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएं की थी। जिसके परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23 जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति की सौगात दी गई, लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के द्वारा संविदा कर्मचारियों को दी गई सुविधाओं में कटौती की गई है, जो अन्याय है।