साथ ही बताया कि इस संबंध में विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर पंचायतराज मंत्री मदन दिलावर ने सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी पर एसीबी में एफआईआर दर्ज करवाने, आवंटित पटटों को निरस्त करते हुए संबंधित भूमि पर से बेदखली करने की कार्रवाई तथा सरपंच के खिलाफ स्थाई निर्योग्यता की कार्रवाई प्रस्तावित की है।
विधायक हंसराज मीना ने बताया कि पूर्व मंत्री रमेश मीना तथा तत्कालीन सरपंच भूरसिंह व तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विजेन्द्र कुमार (ग्राम पंचायत मोंगेपुरा) ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पंचायतीराज अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर तथा निर्धारित प्रक्रिया नहीं अपनाकर गैर जरुरतमंद परिवारों को पट्टा जारी कर गरीबों के साथ अन्याय किया है।
MLA हंसराज मीना ने लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि जिन 6 भाईयों को पट्टा दिया गया है, उनमें से एक जिला परिषद करौली का जिला प्रमुख रहा है। दूसरा जलदाय विभाग में संविदाकर्मी तथा तीसरा भाई पीडब्ल्यूडी में ए क्लास का ठेकेदार है। साथ ही उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत ने जो पट्टे आवास के लिए दिए थे। वहां आज बड़ी-बड़ी 40 दुकानें बनाकर व्यापारिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इस मौके पर करौली विधायक दर्शन सिंह गुर्जर, भाजपा जिलाध्यक्ष गोवर्धन सिंह जादौन, करौली नगरपरिषद सभापति प्रतिनिधि सुशील शर्मा, मुकेश सालोत्री आदि मौजूद थे।
मुझ पर लगाए आरोप निराधार- रमेश मीना
इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री रमेश चन्द मीना ने कहा कि ‘मुझ पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। जिस जमीन की बात है वह हमारी पुश्तैनी जमीन है। राजस्व विभाग से नियमानुसार जमीन का नामान्तरण कराया है। भाजपा विधायक द्वारा एक वर्ष के कार्यकाल में सपोटरा में मकान के अलावा ताजपुर पर खेत खरीदकर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है एवं एक खान भी खरीद ली है। इनके भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए।’