दरअसल, मौसम के अनुकूल रहने फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में नई सरसों की आवक शुरू हो गई थी। लेकिन फसल की आवक के रफ्तार पकड़ने से पहले मंडी कारोबार बंदी हड़ताल से सीजन जोर नहीं पकड़ सका। जिले की कैलाश नगर स्थित अ श्रेणी की कृषि उपज मंडी में 3 मार्च से प्रतिष्ठानों के खुलने से प्रतिदिन 20-25 हजार कट्टा सरसों की आवक हो रही है। मंडी में दोपहर बाद तीन बजे तक सरसों बेचान के लिए किसानों के आने का तांता लगा रहा। ऐसे में मंडी में शाम करीब 6.30 बजे बाद तक नीलामी पूरी हुई।
सीजन में 75 हजार क्विन्टल सरसों की आवक
कृषि उपज व्यापार मंडल के महामंत्री सौरभ बंसल ने बताया कि फरवरी माह के तीसरे सप्ताह में 2 से 3 हजार कट्टा सरसों की दैनिक आवक रही। जो बढ़कर बाद में 5-6 हजार कट्टा तक पहुंची। मौजूदा सप्ताह में 6 दिन में ही 60 हजार क्विंटल सरसों की आवक हुई है। यानी सीजन में अब तक 75 हजार क्विंटल आवक हो चुकी है।
5 लाख की टैक्स आय का अनुमान
सरसों की बम्पर आवक से मंडी शुल्क की दैनिक आय में इजाफा हुआ। एक प्रतिशत टैक्स के आधार 6 करोड़ के कारोबार करीब 5 लाख रुपए की मंडी टैक्स संकलित होने का अनुमान है। हालांकि कई ऑयल मिलों को सरकार की प्रोत्साहन योजना के तहत होने से टैक्स में सब्सिड़ी का लाभ दिया जा रहा है।
इनका कहना है
मंडी में इन दिनों सरसों की अच्छी आवक हो रही है। सोमवार से आवक में और इजाफे की उम्मीद है। जिले की करौली व टोडाभीम गौण मंडियों में भी संबंधित क्षेत्रों से किसान सरसों बेचान को पहुंच रहे हैं। महेंद्र शर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, हिण्डौनसिटी।