CG News: वन्य जीवों पर भी संकट
वन परीक्षेत्र अधिकारी अपने दायित्व का अच्छे से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। वन विभाग की लापरवाही के कारण हर वर्ष क्षेत्र के जंगलों में आग लगने की समय पर जानकारी नहीं मिल पाती है। जंगल में आग लगने से विभाग के अधिकारियों को फायर की जानकारी मोबाइल पर मिल जाती है उसके बाद भी आग पर विभाग काबू नहीं पा रही हैं। इससे वनों को तो नुकसान होता ही है, साथ ही वन्य जीवों पर भी संकट खड़ा हो जाता है। ग्राम चवेला के जंगल व बांसला के पहाड़ी में सोमवार देर शाम आग लग गई। देर रात तक वन विभाग को पता नहीं चला। ग्रामीणों इसकी सूचना विभाग को देना चाही लेकिन भानुप्रतापपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी मोहन नेताम किसी का फोन उठाना जरूरी नहीं समझते।
देर रात्रि आग पर पाया गया काबू
पत्रिका की टीम ने आग लगने की सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी मोहन नेताम व एसडीओ आईपी गैंदले को दिया जिसके बाद देर रात्रि आग पर काबू पाया गया। ग्राम चवेला के जंगल में देर शाम को जंगल में आग लग गई थी। लगभग चार घण्टे तक आग सुलगती रही लेकिन विभाग के कोई कर्मचारी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। वहीं आग धीरे धीरे जंगल में फैल रही थी जिसके बाद करीब 10 बजे आग पर काबू पाया गया। ग्राम बांसला के पहाड़ी में आग लगने से धुएं के कारण जंगल में रहने वाले पक्षी झुंड बनाकर पलायन करते नजर आए।
आबादी क्षेत्रों में पहुंचने लगे जंगली जानवर
पतझड़ का मौसम शुरू होते ही जंगल में अधिक
आग की घटनाएं सामने आ रही है। आग से निपटने के लिए वन विभाग ने तैयारियां तो की है लेकिन आग बुझाना इतना आसान नहीं है। आग से बचने के लिए जंगली जीव आबादी वाले इलाकों में जा रहे हैं, जो कि चिंता का विषय है। वनों को आग से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी तैनात किए गए हैं। पंचायतों समेत आम आदमी को जंगलों की सुरक्षा के लिए जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है। आग लगाने वाले लोगों के पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वन सुरक्षा समितियां पंगु
शासन ने पर्यावरण को बढ़ावा देने वनों की सुरक्षा करने गांव-गांव में वन सुरक्षा समितियों का गठन भी किया है जो वनों की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण जागरूकता के लिए कार्य करती हैं। किंतु यहां वन सुरक्षा समिति सिर्फ कागजों में बनी हुई है। इसलिए वनों की सुरक्षा ताक पर और वन तस्कर खुलेआम शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
आग का जिम्मेदार कौन?
जंगलों में आगजनी के लिए जिम्मेदार वहां जाने वाले लोग ही होते हैं। शाम के समय हवा चलती है, इसी समय जंगल में आग लगा दी जाती है। रात में निगरानी नहीं होती, ऐसे में बड़ी आगजनी की आशंका बनी रहती है। इसी तरह बीड़ी पीने वाले लोग भी आग को बुझाए बगैर जंगल में फेक देते हैं। इससे आग लगने की घटनाएं हो जाती है।
वनों को पहुंचती है अत्यधिक क्षति
CG News: ग्राम बांसला स्थित पहाड़ व जंगल में गर्मी के दिनों में कई बार आग लग जाती है। पहाड़ी से लकड़ी चोरी करने वाले व शरारती तत्वों द्वारा आग लगा दी जाती है। जिसके कारण वनों को अत्यधिक क्षति पहुंचती है। क्षेत्र में महुआ बीनने वालों कभी-कभी सफाई के लिए भी आग लगा देते है। आईपी गैंदले, उप मंडलाधिकारी, पूर्व वन मंडल, भानुप्रतापपुर: आग लगने की जानकारी आपके माध्यम से मिल रही हैं। टीम भेज कर आग को बुझाया जाएगा। वनों को आग न लगाने को लेकर ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है।