Jodhpur Cylinder Blast: बाहर नहीं निकल पाने से महिलाओं-बच्चों का दम घुटने लगा, बेबस पिता कहता रहा-अंदर एक बच्ची है
Cylinder Blast: ढाई घंटे अंदर फंसी रही बालिका, गैस की टंकियों में रिसाव के बाद लकड़ी के सामान की चपेट में आने से बढ़ी आग, परिवार के लोगों को बाहर निकलने का भी नहीं मिला मौका
राजस्थान के जोधपुर के भीतरी शहर के गुलाब सागर के समीप मियों की मस्जिद के पास बने मकान में खाना बन रहा था। परिवार के कुछ लोग दो दिन बाद उमराह के लिए जाने वाले थे, इसलिए साबिर, इकबाल और रफीक तीनों भाइयों का परिवार वहां एकत्रित हुआ था। मकान के गेट के शाम करीब साढ़े चार बजे के आस-पास आग लगी और धुआं उठने लगा। महिलाओं और बच्चों को बचने के लिए ऊपर की मंजिल व छत पर भेजा गया, लेकिन पास में ही रखी गैस की टंकियों ने आग पकड़ ली।
चश्मदीद इकबाल ने बताया कि मैं काम से आया ही था। तभी टंकी में लीकेज हो गया। अचानक आग फैल गई। घर की महिलाएं घबरा गई तो मैंने उनको छत पर जाने को बोला। मैं टंकी को बाहर फेंकता उससे पहले आग और बढ़ गई। इसके लिए मुझे बच कर निकलना पड़ा। परिवार की महिलाएं और बच्चे ऊपरी मंजिल पर फंस गए। गेट और मकान के निचले फ्लोर पर आग पूरी तरह फैल चुकी थी। दमकल आई और गेट पर लगी आग पर काबू पाया, लेकिन धुएं से बच्चों की हालत खराब होने लगी थी। बाद में ऑटो व एम्बुलेंस से उनको लेकर गए।
तीन घंटे बाद मिली शाजिया
इकबाल तीन बार अपने घर व अस्पताल का चक्कर लगाता रहा। अस्पताल में उसे सब दिख गए, लेकिन शाजिया नहीं दिखी। उनसे कहा कि वह पहली मंजिल पर नमाज पढ़ रही थी। सब निकल गए, लेकिन वह नहीं निकली। एसडीआरएफ, अग्निशमन और पुलिस प्रशासन की टीम ने बार-बार सर्च कर कहा कि अंदर कोई नहीं है। आस-पास के लोगों ने कहा कि सब निकल गए। कई तरह के दावे किए गए, लेकिन इकबाल अड़ा रहा। आग पर पूरी तरह से काबू पाने के बाद अब राहत दल प्रथम तल पर पहुंचा तो शाम 7 बजे बच्ची को बाहर निकाला गया, जिसे एम्बुलेंस से अस्पताल लेकर गए। अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
वो बार-बार परिवार के सदस्य गिनाता रहा
इकबाल कहता रहा कि परिवार में 20 सदस्य थे। इनमें से 14 को अस्पताल पहुंचा दिया है। दो बच्चे घटना के समय घर बाहर थे। दो भाई पर गए हुए थे। इकबाल खुद आग बुझाने के प्रयास करने के बाद बाहर आ गया। ऐसे में परिवार के सदस्य की गिनती नहीं हो रही थी, उसने बताया कि 18 साल की साजिया नहीं निकली है। इकबाल का शक सही निकला और एक बच्ची को बाद में रेस्क्यू किया गया।
ज्यादा टंकियां और लकड़ी ने पकड़ी आग
परिवार के सदस्यों ने बताया कि खाना बनाते समय गैस की टंकी खत्म हुई और जब बदली गई तो उससे लीकेज हुआ। पास में ही तीन-चार गैस टंकियां और पड़ी थी। परिवार के लोग लकड़ी का काम भी करते हैं, इसीलिए घर में लकड़ी का सामान और बुरादा भी पड़ा था। नीचे के फ्लोर पर ही परचून की दुकान भी संचालित होती है। आग बुरादे व लकड़ी के कारण तेजी से फैलने लगी।
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गिरने की कगार पर आया मकान
जिस मकान में आग लगी वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। वह गिरने की कगार पर पहुंच गया। इस पर वहां बचाव दलों व आस-पास के लोगों ने गार्डर, पाटिये व सपोर्ट सिस्टम लगाया। जिससे कि आस-पास के लोगों को तकलीफ न हो। स्थानीय विधायक अतुल भंसाली, जगत नारायण जोशी सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौका स्थल व अस्पताल पहुंचे और राहत कार्यों की मॉनिटरिंग की। बता दें कि इस हादसे में 2 की मौत हो चुकी है, वहीं 12 अन्य घायल हैं।