दरअसल, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य के ‘लाउडस्पीकर’ बैन होने वाले बयान पर पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वो कुछ भी बोले, लेकिन हम इस तरह से अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करते… हम संस्कार और संस्कृति से रहने वाले लोग हैं।
लाउडस्पीकर को बंद करने की मांग की थी
बताते चलें कि बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने सोमवार को लाउडस्पीकर की तेज आवाज पर सवाल उठाते हुए इसे नियंत्रित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि तेज आवाज से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या होती है, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसको लेकर उन्होंने जयपुर पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा था। इससे पहले इस बयान पर कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने समर्थन जताया था, लेकिन डिप्टी CM बैरवा ने अब इस बयान से असहमति जताते हुए इसे संस्कार और संस्कृति के खिलाफ बताया।
रेवंतराम डांगा के आरोपों को किया खारिज
खींवसर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनके कामों को अटकाया जा रहा है, जबकि नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के कामों को प्राथमिकता दी जा रही है। इस पर डिप्टी CM बैरवा ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। सबके काम हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बिना भेदभाव के पूरे प्रदेश में काम कर रहे हैं। जो लोग सोच भी नहीं सकते थे, उससे अच्छा काम राजस्थान में हो रहा है। किरोड़ी लाल मीणा को गलत ठहराया
डिप्टी CM प्रेमचंद बैरवा से राजस्थान पुलिसकर्मियों द्वारा मेस बहिष्कार को लेकर भी सवाल किया गया। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस बहिष्कार का समर्थन किया था, लेकिन इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बैरवा ने कह कि किरोड़ी लाल मीणा हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन वो जो बातें कह रहे हैं, वो गलत हैं।
गौरतलब है कि जयपुर की हवामहल सीट से भाजपा विधायक स्वामी बालमुकुंदाचार्य ने हाल ही में जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जोसेफ को पत्र देकर अपने विधानसभा क्षेत्र में पांच बार होने वाली लाउडस्पीकर अज़ान को बंद कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर से तेज़ आवाज़ के कारण माइग्रेन और सिर दर्द की समस्या बढ़ रही है। यह समस्या गंभीर है और इसे रोका जाना चाहिए।
इस मामले को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि ऐसे नमूने सदन में पहुंच गए हैं। जनता ने उन्हें हिंदू-मुसलमान करने के लिए विधानसभा नहीं भेजा है।