थानाधिकारी दिनेश लखावत का कहना है कि प्रकरण में भवाद निवासी जेल प्रहरी राजेश बिश्नोई दो दिन के रिमाण्ड पर है। एक अन्य आरोपी 5वीं रोड क्षेत्र निवासी आकिब को रिमाण्ड अवधि समाप्त होने के बाद जेल भिजवा दिया गया। प्रहरी से पूछताछ की जा रही है। जेल में किन-किन तक मोबाइल व सिम पहुंचाई जाती थी और आकिब व प्रहरी जैसे और कौन-कौन शामिल हैं। इस बारे में भी अनुसंधान किया जा रहा है। नागौरी गेट निवासी हुसैन को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
सांठ-गांठ में कई और बंदी व जेलकर्मी शामिल
जेल में गत वर्ष 16 मोबाइल व नौ सिमें जब्त की गईं थी। इनमें से दो सिम हुसैन के नाम थी। उससे पूछताछ करने पर आकिब का नाम सामने आया। उसे भी पकड़ लिया गया। आकिब के कहने पर हुसैन ने दोनों सिमें खरीदकर आकिब के मार्फत जेल प्रहरी दिनेश को दी थी। दिनेश ने जेल में पहुंचाई थी। आकिब ने अब तक 40-50 मोबाइल व सिमें जेल में पहुंचाना कबूला है। यह सब किन-किन के मार्फत जेल में भेजे गए थे? किन-किन बंदियों को मुहैया करवाए गए थे? इसमें आकिब व प्रहरी जैसे और कौन-कौन शामिल हैं? इस बारे में जांच की जा रही है। हालांकि पुलिस को कुछ नाम मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है। जेल अधीक्षक का पद संभालने के बाद तलाशी में 16 मोबाइल व 9 सिम जब्त की थी। जेल प्रहरी राजेश बिश्नोई को निलम्बित कर दिया है। पुलिस गहराई तक जाकर अनुसंधान करे। जो भी जेलकर्मी लिप्त हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए तो मोबाइल या निषेध सामग्री ले जाना बंद होगा।’
– प्रदीप लखावत, अधीक्षक, जोधपुर सेन्ट्रल जेल