थानाधिकारी जयकिशन सोनी ने बताया कि बालरवा गांव निवासी एक ही परिवार से जुड़ेछत्तरसिंह और गंगासिंह के बीच खेत से रास्ता निकालने को लेकर विवाद है। दोनों पक्षों में शनिवार शाम झगड़ा व मारपीट की गई थी। इस बारे में एक पक्ष से महिपालसिंह ने रविन्द्रपालसिंह, ऋषि व अन्य के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया था। इसका पता लगने पर रविवार सुबह 11 बजे दूसरे पक्ष से छत्तरसिंह अपने पुत्र रविन्द्रपालसिंह व रिश्तेदार ऋषिराजसिंह के साथ मोटरसाइकिल पर मथानिया थाने में एफआइआर दर्ज कराने रवाना हुआ।
इसका पता लगने पर दूसरे पक्ष से चार-पांच व्यक्ति कार व बोलेरो पिकअप लेकर छत्तरसिंह के पीछे निकले। रास्ते में कार से छत्तरसिंह की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इससे तीनों नीचे गिर गए। तभी पीछे से बोलेरो पिकअप आई। चालक ने जमीन पर गिरे छत्तरसिंह पर जानबूझकर पिकअप चढ़ा दी। जिससे वह गंभीर घायल हो गया। यह देख हमलावर वहां से भाग गए। छत्तरसिंह के पुत्र रविन्द्रपाल सिंह व ऋषिराजसिंह ने दूसरे परिजन को सूचित किया और गंभीर हालत में छत्तरसिंह को जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां इलाज के दौरान छत्तरसिंह (52) पुत्र मालसिंह राजपूत की मौत हो गई। पुलिस मोर्चरी पहुंची और बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू करवाई। परिजन के साथ ग्रामीण और राजपूत समाज के लोग भी मोर्चरी पहुंचे।
घर बंद कर भागे सभी आरोपी
मृतक के परिजन ने बालरवा निवासी महिपालसिंह व उसके पिता भोमसिंह व राजूसिंह और अजयपाल सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने इनके मकान व अन्य जगहों पर छापे मारे, लेकिन वे नहीं मिले। आरोपी व परिजन घर बंद कर भूमिगत हो गए। तलाश में अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं।
सेना से सेवानिवृत्त था
पुलिस का कहना है कि मृतक पूर्व सैनिक था। सेवानिवृत्ति के बाद वो वर्तमान में सुरक्षा गार्ड का काम कर रहा था। परिजन व समाज के लोगों ने हत्यारों को गिरफ्तारी करने की मांग की। पोस्टमार्टम के बाद अंधेरा होने से फिलहाल शव मोर्चरी में ही रखा गया है।