तब सीबीआइ ने ट्रैप की योजना बनाई। पीडि़त को रिश्वत राशि देने के लिए आरोपी के पास भेजा। भीलवाड़ा में पांसल चौराहे के पास आरोपी ने पीडि़त से सम्पर्क किया। तब जसराज ने उसे पांच हजार रुपए रिश्वत दी। तभी सीबीआइ ने दबिश देकर भीलवाड़ा में ईपीएफओ के डाटा एन्ट्री ऑपरेटर अक्षय मीणा उर्फ कृष्णकांत को गिरफ्तार किया। उसे जोधपुर लाकर सीबीआइ मामलात की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे एक दिन रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए।
उससे रिश्वत लेने के मामले में किसी अन्य अधिकारी व कर्मचारी की भूमिका के संबंध में पूछताछ की गई, लेकिन फिलहाल किसी की भूमिका स्पष्ट नहीं हो पाई। रिमाण्ड अवधि समाप्त होने पर आरोपी को मंगलवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेजने के आदेश दिए गए।