Jodhpur News: एक फैसले से जोधपुर शहर के 20 गांववालों का टूट गया बड़ा सपना, 12 साल से कर रहे थे इंतजार
Jodhpur Nagar Nigam: स्थानीय नेताओं के विरोध और राजनीतिक दखल के कारण निगम की सीमा बढ़ाने का प्रयास सफल नहीं हो सका। इसके चलते केवल दो गांव ही निगम की सीमा में शामिल हो पाए।
नगर निगम की सीमा का विस्तार करने में भी राजस्थान का जोधपुर पीछे ही रहा। राजस्थान के दूसरा बड़ा शहर होने के बाद भी यहां पर केवल दो राजस्व गांवों को ही निगम की सीमा में शामिल किया। नगर निगम की आबादी में 22 हजार का इजाफा होगा, जबकि शहर से सटे हुए कुल 22 गांवों को निगम की सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। जयपुर में 78, उदयपुर में 50 गांव, कोटा में 2 ग्राम पंचायतों के साथ ही कैथून नगरपालिका को जोड़ा गया।
दरअसल, नगर निगम की सीमा बढ़ाने के लिए निगम अधिकारियों के साथ ही प्रशासनिक तौर पर पिछले 12 साल से कवायद चल रही थी, लेकिन सीमा नहीं बढ़ी। इस बार राज्य सरकार की ओर से सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव मांगें गए तो एक बार फिर पेराफेरी में बसे हुए ग्रामीणों को आस लगी कि वे निगम में शामिल होंगे। अधिकारियों ने भी इस पर पूरा खाका तैयार किया, लेकिन स्थानीय नेताओं के विरोध और राजनीतिक दखल के कारण निगम की सीमा बढ़ाने का प्रयास सफल नहीं हो सका। इसके चलते केवल दो गांव ही निगम की सीमा में शामिल हो पाए। इससे कई ग्रामीणों की आस लगभग सी टूट गई है।
कुड़ी नगर पालिका को छोड़ा
शहर से सटे हुए कुड़ी भगतासनी में बनी नगर पालिका को शहर की सीमा में शामिल नहीं किया गया। जबकि कुड़ी भगतासनी के क्षेत्रवासियों ने कुड़ी को नगर निगम में शामिल करने के लिए कई बार कानून मंत्री जोगाराम पटेल को ज्ञापन सौंपे। कोटा में नगर निगम के विस्तार किया गया तो कैथून नगर पालिका को निगम में शामिल किया गया है।
विरोध में लिखा पत्र
नगर निगम की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर भाजपा नेताओं ने विरोध किया। इसमें शहर विधायक अतुल भंसाली, सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी, जिलाध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल, दक्षिण महापौर वनिता सेठ, परिसीमन समिति के संयोजक प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़, सहसयोजक पुरुषोत्तम मूंदड़ा शामिल थे। विधायकों सहित अन्य भाजपा नेताओं ने वित्त और संसाधनों के अभाव की समस्या को लेकर विरोध किया।
अभी दायरा बढ़ने की उम्मीद
ग्रामीणों को अभी तक इस बात की आस है कि परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन से पूर्व उनके गांवों को शामिल किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से खरडा रणधीर, नांदडा खुर्द, खोखरियों के ग्रामीणों ने उनके गांवों को निगम में शामिल करने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है।
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दो बार जारी की अधिसूचना
ड्राट के प्रकाशन की अंतिम तिथि से ठीक एक दिन पहले सरकार ने पहली अधिसूचना जारी कर आंगणवा, खोखरिया, बनाड़ और गुजरावास को शामिल किया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दबाव के कारण सरकार ने अधिसूचना जारी होने के दूसरे दिन इन चार गांवों को शामिल करने की अधिसूचना को रद्द कर दिया। इसके बाद नई अधिसूचना जारी कर नांदडी और श्रीयादे गांव को जोड़ा गया।