RTE Admission 2025: आखिर जिम्मेदार कौन?
पोर्टल ओपन करने में इतना ही लिा आ रहा है कि आरटीई पोर्टल में आवश्यक सुधार किया जा रहा है। सुधार के बाद ऑनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल पुन: खोल दिया जाएगा। पोर्टल शुरू होने की तारीख की सूचना अलग से दी जाएगी। इससे अभिभावक परेशान हो रहे हैं।
गौरतलब है कि प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए हर साल आरटीई पोर्टल के माध्यम से छात्र पंजीयन के लिए
ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाते हैं। हर साल इसकी प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हो जाती है। इस बार भी 1 मार्च से ही छात्र पंजीयन के लिए पोर्टल खोलने की सूचना जारी हुई थी और 1 मार्च को पोर्टल शुरू भी हो गया था। लेकिन अगले ही दिन 2 मार्च को पोर्टल बंद हो गया।
निजी स्कूलों की लापरवाही का नतीजा
जिले में इस बार आरटीई के तहत रिजर्व सीटों की जानकारी पोर्टल में अपलोड करने में निजी स्कूलों के द्वारा लापरवाही बरती गई है। करीब 20 से अधिक निजी स्कूल संचालकों ने तय तारीख तक अपने संस्थानों में कितने सीटों पर आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा, इसकी जानकारी नहीं डाली। जिसका नतीजा यह हुआ कि 1 मार्च को जब पोर्टल खुला तो उन स्कूलों के नाम पोर्टल में नहीं दिखे रहे थे। ऐसे में छात्र पंजीयन के लिए अभिभावक चाहकर भी उन स्कूलों में आवेदन नहीं कर पाते। बताया जा रहा है कि इसी तरह की लापरवाही अन्य जिलों में भी हुई है। ऐसे में सैकड़ाें छात्र मुत शिक्षा योजना से वंचित होने जाते। ऐसे में पोर्टल को बंद कर दिया गया है। जिले में अब तक करीब 380 निजी स्कूलों ने ही
आरटीई के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है। जिससे जिले में शिक्षा सत्र 2025-26 के लिए कुल 3668 सीटें ही आरक्षित हुई है।