इतना ही नहीं रैली के दौरान समर्थकों के साथ खुद भी नाचते-झमतेे नजर आए। यह नजारा देखकर ग्रामीण भी चौक गए कि इसे तो चुनाव में हार मिली थी। बाद में जाकर ग्रामीण समझ पाए कि यह आभार रैली है। दरअसल, हाल ही में सपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम सरखों के विजेंद्र साहू को अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 93 वोट से हार मिली।
चुनाव में विजेंद्र को 1465 वोट मिले जबकि 1558 वोट पाकर प्रीति राठौर सरपंच निर्वाचित हुई। चुनाव में हार मिलने के बाद भी जनता का आभार जताने रैली निकालने का फैसला लिया। गांव में यह जब रैली निकली तो ग्रामीण भी आवाक रह गए।
हार के भी जीते हैं : विजेन्द्र
हार के बाद भी रैली निकालकर जश्न मनाने की बात पर विजेन्द्र साहू का कहना रहा कि हार-जीत तो महज एक पहलू है, इस चुनाव में भले ही उन्हें हार मिली है लेकिन वे हार के भी जीते हैं। वे महज कुछ वोट से दूर रह गए। यानी जनता ने पूरा भरोसा जताया है। जनता की सेवा के लिए पद की आवश्यकता नहीं होती। वे निरंतर ग्रामीणों के लिए हर वक्त तैयार रहेंगे।