मशक्कत के बाद बालकों को बाहर निकाला गया, तब तक उनकी मौत हो गई। बालकों की पहचान अनिल (11) पुत्र भवाराम भील और श्रवण (12) पुत्र रमेश कुमार भील के रूप में हुई। अनिल कस्तूरबां गांधी स्कूल में कक्षा 4 में और श्रवण आकोली के राजकीय विद्यालय में कक्षा 8 का विद्यार्थी था। सियाणा के राजकीय अस्पताल के बाद शव परिजनों केा सुपुर्द किए गए। हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
रविवार बना अमंगल
रविवार को स्कूल का अवकाश होने से बच्चे खेलने के लिए गए थे। बताया जा रहा है कि लौटते समय दोपहर में तालाब के एक छोर पर खुदाई के बाद गुफानुमा स्थान पर बैठे थे। इस दौरान ऊपरी से मिट्टे का बड़ा हिस्सा धंस गया और बच्चे उसके नीचे दब गए। रेस्क्यू में करीब एक घंटे का समय लग गया। जेसीबी और लोडर की सहायता से खुदाई की गई और बच्चों को बाहर निकाला गया। लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
तालाब में होती है मिट्टी की खुदाई
तालाब में वर्तमान में पानी नहीं है, लेकिन तालाब में मुरड और मिट्टी के लिए खुदाई होती है। ग्रामीणों की मानें तो गांव में कहीं पर भी मिट्टी के भराव की जरुरत या मकानों के निर्माण क्षेत्र में यहीं से मिट्टी का उपयोग होता है। इसी कारण से तालाब में जगह जगह गड्ढे बन चुके हैं।