scriptwatch video : कैसे मिलेगा सुविधाजनक सफर, रोडवेज के ऐसे है हालात, पढ़ें खबर… | Such is the situation of roadways buses in Pokaran area | Patrika News
जैसलमेर

watch video : कैसे मिलेगा सुविधाजनक सफर, रोडवेज के ऐसे है हालात, पढ़ें खबर…

पोकरण क्षेत्र में संचालित रोडवेज बसों में न तो किसी प्रकार की सुविधा मिल रही है, न ही क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में बसें है। जिसके कारण यात्रियों को सफर में परेशानी हो रही है। इसके अलावा रोडवेज से मोहभंग हो रहा है। जिसके कारण निजी व अवैध बसों का संचालन बढ़ता जा रहा है।

जैसलमेरJun 19, 2023 / 07:24 pm

Deepak Soni

watch video : कैसे मिलेगा सुविधाजनक सफर, रोडवेज के ऐसे है हालात, पढ़ें खबर...

पोकरण. रोडवेज बसों में नहीं मिल रही सुविधा।

पोकरण. सरकार की ओर से अवैध बसों पर लगाम लगाने एवं रोडवेज में यात्रीभार बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन सरहदी जिले के परमाणु नगरी क्षेत्र में न तो बसों की पर्याप्त व्यवस्था है, न ही यात्रियों को कोई सुविधा मिल रही है। जिसके कारण यात्रियों का रोडवेज बसों की तरफ रुझान नहीं बढ़ पा रहा है। गौरतलब है कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से बड़े शहरों में अत्याधुनिक बसों का संचालन कर यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित किया जा रहा है। जबकि सरहदी जिले में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। यहां संचालित हो रही बसों में कोई सुविधा नहीं मिलती है। जिसके कारण यात्री रोडवेज की बजाय निजी बसों में सफर करना पसंद कर रहे है। इन बसों की न तो समय पर सफाई होती है, न ही सफर सुविधाजनक है। ऐसे में यात्रियों का मोहभंग हो रहा है। साथ ही यहां बसों की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण यात्री मजबूरन निजी बसों में सफर कर रहे है।

नहीं है पर्याप्त बसें
सरहदी जिले का पोकरण कस्बा विस्तृत भू-भाग में फैला हुआ है। पोकरण विधानसभा क्षेत्र की आबादी भी करीब ढाई से तीन लाख है। साथ ही पोकरण क्षेत्र छितराई ढाणियों एवं दूर दराज बसें गांवों में फैला हुआ है। जबकि यहां रोडवेज की बसों की व्यवस्था नहीं है। पोकरण से मात्र डेढ़ से दो दर्जन बसों का संचालन होता है। वह भी फलोदी, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर रूटों पर ही। नाचना, सांकड़ा, राजमथाई की तरफ जाने वाले मार्गों पर एक भी बस संचालित नहीं हो रही है। जिसके कारण इन क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को रोडवेज में संचालित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। साथ ही यहां अवैध व निजी बसों का खुलेआम संचालन हो रहा है।

पुरानी बसें ही संचालित
पोकरण क्षेत्र में आज भी वर्षों पुरानी रोडवेज बसें संचालित हो रही है। कुछ बसों की जांच करने पर जानकारी मिली कि ये बीएस-3 मॉडल है। जबकि अब बीएस-6 मॉडल की बसों हो संचालन हो रहा है। साथ ही निजी बसों में वॉल्वो, डिलक्स, स्लीपर एवं एसी की सुविधा मिल रही है, लेकिन रोडवेज में सामान्य बसें ही संचालित हो रही है। पुरानी बसों में आरामदायक सफर नहीं हो पाता है। क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछने से अब सफर सुविधाजनक हो गया है, लेकिन रोडवेज की बसें आज भी वही पुरानी ही संचालित हो रही है।
न समय पर होती है सफाई, न कोई सुविधा
क्षेत्र में संचालित निजी बसों की प्रतिदिन सफाई व धुलाई होती है। इसके बाद ही रूट पर संचालन किया जाता है। साथ ही कई लंबे रूट की बसों में पानी की सुविधा भी दी जाती है। जबकि रोडवेज बसों की कई दिनों तक सफाई नहीं हो पाती है। कचरे व गंदगी से भरी बसों में दुर्गंध के कारण बैठ पाना भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा सुविधा के नाम पर रोडवेज बसों में कुछ नहीं मिलता है।
दिव्यांग होते है परेशान
रोडवेज बसों में सीटों के लिए आरक्षण निर्धारित है। महिलाओं, दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित करने का नियम है, लेकिन क्षेत्र में संचालित बसों में ज्यादा भीड़ होने की स्थिति में कई बार दिव्यांगों को जगह ही नहीं मिल पाती है। साथ ही उनकी सुविधा के लिए व्हील चैयर, वैशाखी आदि की भी कोई सुविधा नहीं दी जाती। जिसके कारण ऊंची सीढिय़ों पर चढ़ पाना मुश्किल हो जाता है।

पत्रिका व्यू :-
पोकरण क्षेत्र से प्रतिदिन 4 से 5 हजार यात्री बसों के साथ अन्य साधनों से सफर करते है। यदि रोडवेज की पर्याप्त बसें अलग-अलग रूटों पर लगाई जाती है। साथ ही बड़े शहरों की तर्ज पर सरहदी जिले व पोकरण क्षेत्र में भी डिलक्स, वॉल्वो, स्लीपर व एसी बसों की सुविधा दी जाती है तो यात्रीभार बढ़ सकता है और निजी व अवैध बसों पर लगाम लग सकती है। इसके अलावा रोडवेज की बसों की सुविधा मिलने से यात्रियों को भी राहत मिलेगी।

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