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जैसलमेर

Mahavir Jayanti 2025 : वरघोड़े में झलकी धार्मिक आस्था, नगरवासियों ने पुष्पवर्षा कर किया स्वागत

सकल जैन संघ एवं जैन ट्रस्ट जैसलमेर के संयुक्त तत्वावधान में भव्य वरघोड़ा निकाला गया, जिसमें श्रद्धालुओं की अपार सहभागिता रही।

जैसलमेरApr 10, 2025 / 08:38 pm

Deepak Vyas

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तीर्थंकर महावीर स्वामी के 2624वें जन्म कल्याणक महोत्सव पर गुरुवार को जैसलमेर में भक्ति, श्रद्धा और धर्म की अनुपम झलक देखने को मिली। सकल जैन संघ एवं जैन ट्रस्ट जैसलमेर के संयुक्त तत्वावधान में भव्य वरघोड़ा निकाला गया, जिसमें श्रद्धालुओं की अपार सहभागिता रही। वरघोड़े की शुरुआत प्रात: 9 बजे महावीर भवन से हुई, जिसे जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष महेंद्र सिंह भंसाली ने जिनशासन का पचरंगी ध्वज फहराकर विधिवत प्रारंभ किया। बैंड-बाजों के साथ निकले इस जुलूस में भगवान महावीर का विराट चित्र, सुसज्जित ऊंट-घोड़े, बग्घी और पालकी के साथ श्रावक-श्राविकाएं जयकारा करते हुए नगर भ्रमण पर निकले। वरघोड़ा संकट हरण पाश्र्वनाथ जिनालय होते हुए सालमसिंह की हवेली, गोपा चौक, जिंदाणी चौकी, गांधी चौक, महावीर मार्केट से होकर जैन भवन पहुंचा। मार्ग में सेवा भारती, भाजपा कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवृष्टि कर श्रद्धा भाव प्रकट किया।

झांकियों में जीवंत हुईं महावीर की लीलाएं

जुलूस में निकली विविध झांकियां भगवान महावीर के जीवन प्रसंगों की जीवंत प्रस्तुति बनकर उभरीं। इनमें माता त्रिशला के 14 स्वप्न, जन्म अभिषेक, साधना काल के उपसर्ग, गोचरी ग्रहण करती साध्वियां और माता सरस्वती की झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं।
प्रवक्ता पवन कोठारी ने बताया कि भगवान महावीर का जन्म चैत्र सुदी त्रयोदशी की मध्यरात्रि में महाराज सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के घर कुंडलपुर नगर में हुआ था। बाल्यकाल में उनका नाम वद्र्धमान था। तीस वर्ष की आयु में उन्होंने दीक्षा लेकर साढ़े बारह वर्ष की घोर तपस्या की, जिसके बाद उन्हें कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ।

समवशरण से मोक्ष तक

जैन शास्त्रों के अनुसार भगवान महावीर ने वैशाख सुदी एकादशी को चतुर्विध संघ की स्थापना की तथा गौतम आदि 11 गणधर नियुक्त किए। कार्तिक अमावस्या की मध्यरात्रि को देशना देकर उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में जैन सभा के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेंद्र भाई बाफना ने सभी संस्थाओं एवं श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग देने वाले जैन ट्रस्ट, जिन कुशल युवा मंडल, महिला मंडलों और समिति सदस्यों की सराहना की।

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