स्थानीय निवासी मीना कंवर बताती है कि
पहले बच्चों को खेलने के लिए जगह नहीं थी। अब झूले, स्लाइड और खुला मैदान मिल गया है। वे मोबाइल से हटकर बाहर खेलना पसंद कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक शारदा देवी बताती है कि मैं रोज़ पार्क में टहलने जाती हूं। जिम की सुविधा शहर में होने से अब घर की महिलाएं भी फिटनेस के लिए बाहर आने लगी हैं। पहले ऐसा माहौल नहीं था। इसी तरह छात्र विक्रमसिंह का कहना है कि पार्क के बनने से पढ़ाई के बाद मन बहलाने का अच्छा साधन मिल गया है। अब क्रिकेट और वॉलीबॉल खेलने के लिए जगह है। एक अन्य छात्र हनीफ का कहना है कि पार्कों में सीसीटीवी, लाइटिंग और सफाई का अच्छा प्रबंधन है। यह शहर की नई सोच को दर्शाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहल
शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में पंचायतों और युवाओं के सहयोग से मैदानों का विकास किया जा रहा है। इनमें वॉलीबॉल कोर्ट, कबड्डी मैदान, नेट प्रैक्टिस जैसी सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं।
नया जैसलमेर, नई पहचान
जानकारों के अनुसार इन बदलती सुविधाओं ने जैसलमेर को केवल टूरिज्म का शहर नहीं, बल्कि एक एक्टिव लाइफस्टाइल सिटी की ओर अग्रसर कर दिया है। यहां के परिवार अब खुली हवा में, स्वस्थ दिनचर्या के साथ जीवन जीने लगे हैं।