जेडीए ढाई किमी के इस दायरे में अतिक्रमण चिन्हित कर चुका है। यह सडक़ कोर्ट के आदेश पर 160 फीट की प्रस्तावित है। नवम्बर में जेडीए ने जब डिमार्केशन किया था, उसके बाद कुछेक लोगों ने अपने स्तर पर ही अतिक्रमण हटा लिए थे।
जेडीए अधिकारियों का कहना है कि 21 नवम्बर, 2024 को उच्च न्यायालय ने सडक़ को जोनल प्लान के हिसाब से करने का निर्णय दिया है। जोनल प्लान में सडक़ 160 फीट की है।
डिमार्केशन और कार्रवाई के लिए जेडीए ने पांच टीमों का गठन किया है। इन टीमों में उपायुक्त से लेकर अधिशाषी अभियंता, प्रवर्तन अधिकारी, तहसीलदार, सहायक नगर नियोजक, कनिष्ठ अभियंता को शामिल किया गया है। वहीं, जोन सात के उपायुक्त हेमंत कुमार और प्रवर्तन शाखा के उप नियंत्रक-तृतीय रामअवतार ताखर को पर्यवेक्षक बनाया गया है।