scriptसीकर सांसद अमराराम का बढ़ा कद, प्रदेश के किसी MP ने पहली बार हासिल किया ये मुकाम; जानें सियासी सफर | Sikar MP Amararam made Politburo member in CPIM got this post for first time from Rajasthan | Patrika News
जयपुर

सीकर सांसद अमराराम का बढ़ा कद, प्रदेश के किसी MP ने पहली बार हासिल किया ये मुकाम; जानें सियासी सफर

Sikar MP Amararam: राजस्थान की राजनीति में इतिहास रचते हुए CPI(M) ने सीकर से सांसद कॉमरेड अमराराम को पार्टी की पोलित ब्यूरो का सदस्य नियुक्त किया है।

जयपुरApr 07, 2025 / 10:23 pm

Nirmal Pareek

Sikar MP Amararam

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Sikar MP Amararam: राजस्थान की राजनीति में इतिहास रचते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी CPI(M) ने सीकर से सांसद कॉमरेड अमराराम को पार्टी की पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया है। यह पहला अवसर है जब राजस्थान से किसी नेता को CPI(M) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली समिति में शामिल किया गया है। यह निर्णय हाल ही में तमिलनाडु के मदुरै में आयोजित CPI(M) के 24वें राष्ट्रीय महासम्मेलन में लिया गया।
बता दें, पार्टी के महासम्मेलन में एम ए बेबी को महासचिव चुना गया है, यह पद सीताराम येचुरी के निधन के बाद खाली हुआ था। इस बैठक की अध्यक्षता त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री कामरेड माणिक सरकार ने की।

अमराराम की नियुक्ति का महत्व

आपको बता दें, पोलित ब्यूरो CPI(M) की सबसे महत्वपूर्ण और ताकतवर संस्था मानी जाती है जो पार्टी की नीतियों, रणनीतियों और कार्यक्रमों को तय करती है। अमराराम की इस इकाई में नियुक्ति न केवल राजस्थान के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह राजस्थान में वामपंथी राजनीति के लिए बेहतर निर्णय भी है।
बताते चलें कि अमराराम वृंदा करात के करीबी माने जाते हैं, जिनकी सिफारिश और संगठनात्मक समझ के कारण उन्हें यह अहम ज़िम्मेदारी सौंपी गई। अब उन पर पार्टी के राष्ट्रीय निर्णयों में भागीदारी का दायित्व होगा।

अमराराम का राजनीति में है लंबा संघर्ष

अमराराम का जीवन राजनीतिक संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने एक सरकारी शिक्षक के रूप में करियर शुरू किया और बाद में छात्र राजनीति से होते हुए पार्टी के मुख्यधारा नेता बने। 1979 में SFI (स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ता के रूप में राजनीति की शुरुआत की। इस दौरान सीकर की कल्याण सिंह कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष भी बने।
वहीं, दो बार सरपंच, चार बार विधायक और 2024 में पहली बार सांसद बने। उन्होंने अब तक 6 बार सीकर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, पर हर बार हार का सामना किया। 2024 में भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती को 73,247 वोटों से हराकर पहली बार संसद पहुंचे।
उनकी जीत से CPI(M) ने 35 वर्षों बाद राजस्थान की धरती पर संसदीय जीत हासिल की। यह सिर्फ राजनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि विचारधारा की पुनः स्थापना मानी जा रही है।

किसानों के हितों के लिए लगातार संघर्ष

बताते चलें कि अमराराम की छवि एक जमीनी नेता की रही है, जो किसानों, मजदूरों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए लगातार सक्रिय रहे। उन्होंने हमेशा पार्टी के कार्यक्रमों और आंदोलनों में अग्रिम भूमिका निभाई, चाहे वह खेत मजदूरों की समस्या हो या भूमि अधिकार का मुद्दा, चाहे किसान आंदोलन को दौर, सभी में अमराराम ने अग्रणी भूमिका निभाई है।

CPI(M) में क्या होता है पोलित ब्यूरो?

गौरलब है कि पोलित ब्यूरो (Politburo) की शुरुआत 1919 में सोवियत संघ के बोल्शेविक पार्टी द्वारा की गई थी, जहां यह केंद्रीय समिति की एक छोटी मगर शक्तिशाली इकाई थी। इसके सदस्य पार्टी और सरकार की सभी मुख्य नीतियों पर अंतिम निर्णय लेते थे।
भारत में CPI(M) समेत अन्य कम्युनिस्ट पार्टियों ने इसी मॉडल को अपनाया। पोलित ब्यूरो के सदस्य पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों का निर्धारण करते हैं। महत्वपूर्ण निर्णयों में अंतिम भूमिका निभाते हैं। संगठनात्मक अनुशासन और विचारधारा की दिशा तय करते हैं। और भारत की विदेश नीति के मामलों में भी अपनी राय ऱखते हैं। यह इकाई आमतौर पर अनुभवी, वरिष्ठ और विचारधारा से प्रतिबद्ध नेताओं से मिलकर बनी होती है।

राजस्थान के लिए ऐतिहासिक क्षण

बताते चलें कि राजस्थान में जहां मुख्यधारा की राजनीति BJP और कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती रही है, वहां CPI(M) जैसे वामपंथी दल की यह उपलब्धि ऐतिहासिक कही जा सकती है। अमराराम की इस नियुक्ति से राज्य के युवाओं, किसानों और मजदूरों के बीच वामपंथ की पौध तैयार हो सकती है।

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