मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए निवेशकों के साथ निरंतर संवाद किया जाए तथा क्रियान्वयन में आ रही किसी भी प्रकार की बाधा को त्वरित रूप से दूर किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव अनुकूल वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें और एमओयू के क्रियान्वयन के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने भू-आवंटन से जुड़े प्रकरणों को प्राथमिकता से निस्तारित करने तथा भूमि आवंटन से जुड़ी रियायतों को सरल बनाने के निर्देश भी दिए।
1 हजार करोड़ से अधिक राशि के एमओयू की होगी श्रेणीवार समीक्षा
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि जिन एमओयू की लागत 1 हजार करोड़ रुपए से अधिक है, उनकी श्रेणीवार समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पंप स्टोरेज, ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में हुए अहम एमओयू की मुख्यमंत्री स्तर पर समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी। साथ ही, जरूरत पड़ने पर आवश्यक नीतिगत बदलाव भी किए जाएंगे, ताकि निवेशकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।